हैदराबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी (एचसीयू) के 14 छात्रों को आठ महीने बाद अचानक पता चला है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में फरवरी में प्रदर्शन करने पर उनके खिलाफ एक एफआइआर हुई है। अब उन्हें बीत चुकी तारीख पर यानी बैक डेट में हाजिर होने के समन भेजे जा रहे हैं।
बीते 10 अक्टूबर को युनिवर्सिटी के एक संगठन बहुजन स्टूडेंट्स फेडरेशन के सदस्य मणिकान्त को तेलंगाना पुलिस की ओर से नोटिस प्राप्त हुआ कि बिना वॉरंट के उनकी गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है। अब तक कुल पांच छात्रों को यह नोटिस प्राप्त हो चुका है, लेकिन एचसीयू संयोजन समिति द्वारा जारी एक बयान में आज कुछ और चौंकाने वाली बातें सामने आयी हैं।
Official-statement-of-HCCमणिकान्त को नोटिस मिलने से चार दिन पहले 6 अक्टूबर को रायदुर्गा थाने में बुलाया गया था। तब जाकर उन्हें पता चला कि उनके सहित कुल 14 छात्रों के ऊपर नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के आरोप में फरवरी में ही मुकदमा हुआ था। शुक्रवार को जारी समिति के बयान के मुताबिक 6 अक्टूबर को थाने में हाजिर होने सम्बंधी यह नोटिस 8 अक्टूबर को हैदराबाद से भेजा गया था।
इसके बाद 13 अक्टूबर को एक छात्र को नोटिस मिला। फिर एक-एक कर के तीन और छात्रों को नोटिस मिला। सभी को 6 अक्टूबर यानी बैक डेट में समन किया गया है। एचसीयू संयोजन समिति के मुताबिक तेलंगाना पुलिस की साजिश का इससे बड़ा सुबूत और क्या हो सकता है?
firसमिति ने वेबसाइट दि वायर को डीसीपी माधापुर के दिए बयान पर कड़ी आपत्ति जतायी है जिसमें उन्होंने कथित तौर पर गलम आरोप लगाये हैं। डीसीपी ने वेबसाइट से कहा था कि प्रदर्शनकारी छात्रों ने सड़क जाम कर दिया और मौलाना आजा़द उर्दू युनिवर्सिटी के दरवाजे बंद कर के कर्मचारियों को भी प्रवेश करने से रोक दिया। समिति ने इन सभी आरोपों को झुठलाया है।
यह घटना 21 फरवरी की है जब एनएसयुआइ, मुस्लिम स्टूडेंट्स् फेडरेशन, बीएसएफ और अन्य छात्र संगठनों ने मौलाना आज़ाद उर्दू युनिवर्सिटी तक पैदल मार्च किया था। इसका आयोजन एचसीयू संयोजन समिति ने किया था।
इस मुद्दे पर जनपथ से बात करते हुए एनएसयूआइ से सम्बद्ध एचसीयू के छात्र आकाश राठौड़ ने बताया, ‘हम लोगों को तो पता ही नहीं था कि कोई एफआइआर हुई है। अचानक इतने महीने बाद यह सब सामने आया। हमने भी तय किया कि हम इसके खिलाफ कानूनी और राजनैतिक संघर्ष करेंगे। अब तक हमें कई नेताओं का समर्थन मिला है। कुछ जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री केसीआर को पत्र भी लिखा है।‘’
एचसीयू संयोजन समिति द्वारा जारी वक्तव्य में कांग्रेस के चार सांसदों- त्रिचूर से टीएन प्रतापन, अलातुर से राम्या हरिदास, इडुक्की से डीन कुरियाकोस और चलाकुडी से बेनी बेनन- को धन्यवाद दिया गया है।
इन सांसदों ने मुख्यमंत्री केसीआर और राज्य के गृहमंत्री मोहम्मद महमूद अली को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने और छात्रों के खिलाफ लगाये गये आरोप तत्काल वापस लेने को कहा है।
इसके अलावा कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने भी एक ट्वीट कर के छात्रों से एकजुटता दिखायी है।