पिछले दिनों भारत में फेसबुक को लेकर शुरू हुए विवाद के सिलसिले में दिल्ली की विधानसभा ने पत्रकार आवेश तिवारी को समन भेजा है। उन्हें 31 अगस्त को दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव कमेटी के सामने अपना पक्ष रखना है।
आज दिल्ली विधानसभा की तरफ से रायपुर निवासी स्वराज चैनल के छत्तीसगढ़ प्रमुख आवेश तिवारी को एक पत्र भेज कर 31 अगस्त को सुबह साढ़े दस बजे पेश होने को कहा गया है।
कमेटी ऑन पीस एंड हार्मनी की ओर से भेजे गये पत्र संख्या 24/3/P&H/2020/LAS-VII/Leg के मुताबिक हाल ही में प्राप्त हुई कुछ शिकायतों से कमेटी को फेसबुक द्वारा चयनित तरीके से पोस्टों को डिलीट करने और बचाने के बारे में पता चला है, जिसकी पुष्टि 14 अगस्त को वॉल स्ट्रीट जर्नल में छपे एक लेख से भी होती है। पत्र कहता है कि फेसबुक की नीति निदेशक आंखी दास ने हेट स्पीच के नियम लगाते समय हिंदू राष्ट्रवादी व्यक्तियों और समूहों को रियायत दी, बावजूद इसके कि इनके द्वारा पोस्ट की गयी सामग्री आंतरिक रूप से हिंसा भड़काने वाली चिह्नित की गयी थी।
कमेटी के पत्र में कहा गया है कि आवेश तिवारी द्वारा आंखी दास और दो अन्य के खिलाफ दर्ज करवायी गयी एफआइआर के मद्देनज़र इस मसले पर कमेटी को अपनी समझ बनाने में उनके इनपुट की बहुत बड़ी भूमिका होगी। इसलिए कमेटी के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनकी गवाही उपयुक्त रहेगी।
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आवेश तिवारी से इस सम्बंध में प्रासंगिक दस्तावेज़ और सामग्री भी भेजने को कमेटी ने कहा है। दिल्ली विधानसभा की इस कमेटी के अध्यक्ष राघव चड्ढा हैं।
विधानसभा का आवेश तिवारी को भेजा समन नीचे देखा जा सकता है।
गौरतलब है कि 16 अगस्त की रात आंखी दास द्वारा जिन लोगों के खिलाफ दिल्ली में शिकायत दी गयी थी, उनमें पत्रकार आवेश तिवारी भी थे। तिवारी ने चौबीस घंटे बाद रायपुर में आंखी दास और दो अन्य पर एफआइआर करवा दी, जिसके बाद कमेटी टु प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स ने इस पर एक बयान जारी कर दिया और मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हो गया।
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आंखी दास फिलहाल सोशल मीडिया से गायब हैं। उन्होंने अपना फेसबुक प्रोफाइल लॉक कर दिया है और ट्विटर खाता बंद कर दिया है। कंपनी के भीतर उन्होंने अपनी मुसलमान विरोधी पोस्ट के लिए माफी मांग ली है लेकिन मौजूदा प्रकरण पर कोई बयान अभी तक नहीं दिया है।
इस मामले में दिल्ली विधानसभा की पीस एंड हार्मनी कमेटी ने आंखी दास को भी समन भेजा है। इसके अलावा फेसबुक के धंधे पर किताब लिखने वाले वरिष्ठ पत्रकार परंजय गुहा ठाकुरता को भी समन गया है।