सबसे पहले माफी कि मैं टीवी नहीं देखता. ओम थानवी जी ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया था जिसमें बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा, राजीव त्यागी को बार-बार जयचंद-जयचंद कहकर संबोधित कर रहे थे. इस हत्यारे शो का एंकर रोहित सरदाना था जिसका मालिक अरुण पुरी है. संपादक के बारे में नहीं पता कि आज के दिन हिन्दी चैनलों और अखबारों में उनकी हैसियत रह गयी है या नहीं.
जब बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा राजीव त्यागी को जयचंद जयचंद कहकर अपमानित कर रहे थे तो एक बार भी सरदाना ने पात्रा को नहीं रोका.
हॉस्पिटल के डॉक्टर के मुताबिक राजीव उनके यहां पहले भी आते रहे हैं लेकिन उन्हें हृदय संबंधी कोई बीमारी नहीं थी, मामूली सा कोलेस्ट्रॉल था जो इस उम्र (53) में सामान्य बात है.
मुझे यह मामला मूलतः रोहित सरदाना व अरुण पुरी की शह पर संबित पात्रा द्वारा राजीव त्यागी की हत्या का लगता है.
कांग्रेस पार्टी को इन तीनों के उपर एफआइआर दर्ज करानी चाहिए और निष्पक्ष व वृहद जांच की कार्यवाही की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए.
मैं जानता हूं कि कुछ लोग इसे बकवास मानेंगे, लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं है क्योंकि सभी चैनलों पर गैर-बीजेपी व्यक्तियों को अपमानित किया जाता है, जलील किया जाता है, मानमर्दन किया जाता है जो बिना मालिक की सहमति के नहीं हो सकता है.
मेरा सुझाव है कि हम हिन्दुस्तानियों को टीवी चैनलों का बहिष्कार करना चाहिए और सभी राजनीतिक दलों को भी अपने प्रवक्ताओं को टीवी चैनलों पर नहीं भेजना चाहिए.
वरिष्ठ पत्रकार जितेन्द्र कुमार की फेसबुक पोस्ट से साभार