बागपत में दो समुदायों के बीच हुए आपसी संघर्ष की वास्तविकता को जानने के लिए उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी का डेलिगेशन सोमवार को जैसे ही बड़ा गांव, खेकड़ा विधानसभा में पहुंचा, तो बागपत के डी.एम., एस. पी., ए. एस.पी., सी. ओ. व भारी पुलिसकर्मियों का जमावड़ा वहां मौजूद स्थान पर पहुंचा और डेलिगेशन को रोक लिया। काफी देर तक पुलिस प्रशासन व अधिकारियों से उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के डेलिगेशन ने निवेदन किया, तो वे नहीं माने। इसी बीच बागपत से जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉक्टर युनूस अपने दल के साथ वहां पर पहुंचे। इसके पश्चात पुलिस प्रशासन ने डेलिगेशन व समस्त कार्यकर्ताओं पर धारा 188 और 169बी के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। करीब तीन घंटे पश्चात कांग्रेसी नेताओं को रिहा कर दिया गया।
बागपत में कुछ दिन पहले दो समुदायों के बीच क्रिकेट खेलने को लेकर आपसी संघर्ष हो गया था जिसके बाद से वहां अशांति का माहौल बना हुआ था। सोमवार को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव बदरुद्दीन कुरैशी, दीपक कुमार (उपाध्यक्ष, उ. प्र.कांग्रेस कमेटी) के साथ सतीश शर्मा (पूर्व मंत्री, गाजियाबाद), निजाम मलिक (उपाध्यक्ष,अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी), लियाकत चौधरी (अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोर्डिनेटर), डॉ. खालिद खान (अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोर्डिनेटर) बागपत पहुंचे थे।
अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष निजाम मलिक, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष दीपक कुमार और उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव बदरुद्दीन कुरैशी ने मांग की है कि बागपत में दो समुदायों के बीच जो आपसी संघर्ष हुआ है उस घटना की गहनता से जांच की जाए, पता लगाया जाए कि घटना में लिप्त लोगों के पास तलवार कहां से आयी।
डेलिगेशन ने यह भी कहा कि जब से उत्तर प्रदेश की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी की योगी सरकार आई है तब से उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है, आए दिन कोई ना कोई अपराध की घटना उत्तर प्रदेश में निरंतर सामने आ रही हैं। योगी सरकार उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था संभालने में पूर्ण तरह से नाकाम व विफल साबित हो रही है व उत्तर प्रदेश में अराजकता का माहौल चरम सीमा पर पहुंच गया है।
गौरव गर्ग
सचिव,शहर मीडिया प्रभारी व प्रवक्ता
शहर कांग्रेस कमेटी, हापुड़ (उ.प्र.)