मुस्लिम छात्र युवाओं की प्रतिनिधि आवाज़ों में एक शरजील उस्मानी को बुधवार को आज़मगढ़ स्थित उनके घर से सादे कपड़ों मेंं कुछ लोगों ने उठा लिया। आशंका जतायी गयी है कि उन्हें सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान हुई अलीगढ़ युनिविर्सिटी की हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया है हालांकि अब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि होना बाकी है।
मक़तूब मीडिया की एक खबर के मुताबिक अभी तक गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हो सकी है हालांकि देर रात अमर उजाला ने सूचना दी कि अलीगढ़ पुलिस अधीक्षक के अनुसार यह कार्रवाई यूपी एटीएस की है और मामला सीएए विरोधी आंदोलन से ही जुड़ा है।
खबर में लिखा है:
बीती 15 दिसंबर को एएमयू में हुए उपद्रव और हिंसक घटनाओं को भड़काने का मुख्य आरोपी एएमयू का पूर्व छात्र शरजील उस्मानी गिरफ्तार हो गया है। लखनऊ की एटीएस टीम ने इसको पूर्वांचल से गिरफ्तार किया है। जिसकी पुष्टि अलीगढ़ के एसपी क्राइम अरविंद कुमार ने की है। शरजील के खिलाफ सीएए और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन में छात्रों को भड़काने, भड़काऊ भाषण देेकर शहर का माहौल खराब कराने, बवाल कराने सहित कई संगीन धाराओं में सिविल लाइंस थाने में मुकदमे दर्ज हैं।
अमर उजाला
अखबार ने खबर में शरजील उस्मानी की जगह शरजील इमाम की तस्वीर लगा दी है।
मकतूब मीडिया के मुताबिक शरजील के भाई ने दावा किया है उन्हें सादे कपड़ों में पांच लोग खुद को क्राइम ब्रांच का बताकर लेने आए थे। वे उनका लैपटॉप, किताब और कपड़े ले गए तथा घर में मौजूद सभी की फोटो भी ली। शरजील के पिता अब तक इसे गिरफ्तारी नहीं मान रहे हैं।
रिहाई मंच ने देर रात जारी एक विज्ञप्ति में एएमयू छात्र नेता शरजील उस्मानी को आजमगढ़ से उठाए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यूपी सरकार विकास दुबे जैसे व्यक्ति जिसने पुलिस जवानों की हत्या की उसकी गिरफ्तारी से ज्यादा लोकतांत्रिक आवाज़ों को कैद करना उसका एजेंडा बन गया है।
शरजील जैसे युवा जो संविधान, लोकतंत्र की आवाज़ों को बुलंद करते हैं वो इस दौर में सरकार की आंख की किरकिरी बन गए हैं क्योंकि सरकार सिर्फ शिक्षा के पाठ्यक्रम से धर्मनिरपेक्षता, लोकतांत्रिक अधिकार, संघवाद, नागरिकता और सोशल मूवमेंट को नहीं हटा रही है बल्कि इसे देश के इतिहास से भी मिटाने की कोशिश कर रही है.
स्वराज पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने भी लिखा है:
रिहाई मंच ने शरजील उस्मानी की तत्काल रिहाई की मांग की है।
फ्रटर्निटी मूवमेंट, शरजील जिसके राष्ट्रीय सचिव हैं, उसने भी पोस्टर जारी कर के प्रतिवाद किया है।