आज एक बहुप्रतीक्षित रिहाई हुई। मजदूर अधिकार संगठन के अध्यक्ष शिव कुमार आखिरकार आज शाम सोनीपत जेल से रिहा हो गए। उनके खिलाफ तीन केस थे, जिनमें से दो में उन्हें मंगलवार को ज़मानत मिल चुकी थी। तीसरे केस में ज़मानत आज मिली है। उनके साथ सह-आरोपी नौदीप कौर पहले ही जमानत पर बाहर हैं।
आज शाम सोनीपत की जेल से रिहाई के वक्त शिव कुमार को लेने के लिए नौदीप कौर और मनजिंदर सिंह सिरसा सहित कई लोग उपस्थित थे। नौदीप कौर और शिव कुमार 12 जनवरी को गिरफ्तार हुए थे। वे किसान आंदोलन की साइट पर दिल्ली के कुंडली बॉर्डर स्थित कारखानों में मजदूरों के वेतन की लड़ाई लड़ रहे थे। इसी दौरान उन पर वसूली, हत्या आदि का इल्ज़ाम लगाया गया और पुलिस ने जेल में डाल दिया। दोनों को जेल में बहुत यातनाएं दी गयीं।
नवदीप कौर को मिली ज़मानत, शिव कुमार की सरकारी मेडिकल रिपोर्ट में गंभीर जख्मों के सुराग
नौदीप कौर के मामले पर पंजाब और हरियाणा हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था। शिव कुमार की ज़मानत स्थानीय निचली अदालत से हुई है।
इस बीच दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी की घटना के सिलसिले में एक मृत किसान को नोटिस भेज दिया है, सिरसा ने अपनी ट्विटर टाइमलाइन पर इसकी जानकारी दी है।
एक दिलचस्प घटनाक्रम में दिल्ली पुलिस ने एक मृत किसान को 26 जनवरी की जांच के सिलसिले में नोटिस भेजा है। रोपड़ जिले के जागीर सिंह की मौत 31 दिसंबर को हो चुकी थी, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उनके नाम का एक नोटिस भेज कर उन्हें बुधवार 3 मार्च को पूछताछ के सिलसिले में तलब किया था। जागीर के साथ दो और नाम नत्थी हैं जिन्हें तलब किया गया है- सुरजीत और गुरचरन सिंह। तीनों के पिता का नाम लिखा है अमर सिंह।
किसान आंदोलन के दौरान अभी तक गिरफ्तार तकरीबन अधिकतर प्रमुख लोगों को बेल मिल चुकी है, जिनमें नौदीप और शिव कुमार के अलावा दिशा रवि, मनदीप पुनिया शामिल हैं। निकिता जेकब और एक अन्य को गिरफ्तारी से राहत मिली हुई है। निकिता ने दिल्ली की एक अदालत में टूलकिट केस में अग्रिम जमानत याचिका लगायी है जिसकी सुनवाई 9 मार्च को होनी है। दीप सिद्धू अब भी जेल में हैं।
इस बीच तकरीबन रोज़ कुछ न कुछ किसानों की जमानत हो रही है जो सभी 26 जनवरी को पकड़े गए थे। ऐसे किसानों की संख्या 134 है। बुधवार को ऐसे 6 किसान रिहा हुए थे। उससे पहले 13 किसान बाहर आए थे। दिल्ली सिख गुरद्वारा प्रबंधक कमेटी सुनियोजित और संगठित तरीके से इनके केस लड़ रही है।