कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार एवं हत्याकांड एवं उधमसिंह नगर में नर्स की हत्या व बलात्कारियों को सजा देने उत्तराखण्ड से लेकर पूरे देश में आए दिन महिलाओं व छोटी मासूम बच्चियों के साथ बलात्कार व बाद में हत्या किए जाने के खिलाफ प्रगतिशील भोजनमाता संगठन ने विरोध प्रदर्शन किया। बलात्कारियों को पैदा करने वाली पतित पूंजीवादी व्यवस्था का द्वारा जनित अश्लील संस्कृति का पुतला दहन किया गया।
वक्ताओं द्वारा कहा गया कि पश्चिम बंगाल में डॉक्टर के अपराधियों को सजा देने के स्थान पर टीएमसी के कार्यकर्ता गुंडागर्दी पर उतरकर अस्पताल में तानाशाही दिखाते हैं और पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिलता है। इसी बीच में उत्तराखंड में रुद्रपुर में एक नर्स के साथ इसी तरह की वारदात हुई और बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई।
देहरादून, रामनगर, सितारगंज,व हल्द्वानी में भी इसी तरह की घटना को अंजाम दिया गया। वक्ताओं ने स्पष्ट कहा कि जो सरकार खुद अपने बलात्कारी सांसदों और विधायकों को बचाती हो उनसे हम न्याय की उम्मीद नहीं कर सकते। यह लोग बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का झूठा नारा देते हैं। एक तरफ देश में अल्पसंख्यकों का दमन व उत्पीड़न करते हैं तो दूसरी और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के ऊपर हो रहे हमले पर घडियालू आंसू बहाते हैं।
वक्ताओं ने कहा कि आज पतित उपभोक्तावादी संस्कृति, पूंजीवादी व्यवस्था जो बलात्कारी व अत्याचारी पैदा कर रही है, इसके खिलाफ संघर्ष लक्षित करने जरूरत है। सभा में हेमा तिवारी, पुष्पा कुड़ई, चम्पा गिनवान, हंसी, विमला, प्रेमा शांति, गीता, चन्दा आदि कई भोजनमाता शामिल रहीं।