किसान बिल के खिलाफ दिल्ली पहुंचे किसानों के जत्थे ने आखिरकार अपनी सभा में कुछ ठोस फैसले आज ले लिए। यह तय हुआ है कि किसान दिल्ली की पांचों सीमाओं को घेरकर बैठेंगे।
शनिवार शाम को गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसानों से अपील की थी कि वे निरंकारी मैदान में बुराड़ी आकर बैठ जाएं। किसानों ने एक सिरे से इस मांग को ठुकरा दिया है।
कल शाम को किसानों को यही बात समझाने मेधा पाटकर, सुनीलम, शिवकुमार कक्का सहित कई नेता सिंघू बॉर्डर पहुंचे थे। पंजाब और हरियाणा के किसानों ने उसी वक्त तय कर लिया था कि वे अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्यवय समिति से खुद को अलग कर के रणनीति तय करेंगे और बॉर्डर को घेर कर बैठेंगे।
इस बारे में आज किसानों के नेताओं ने खुलेआम घोषणा भी कर दी और कुल पांच फैसले लिए।
पहला, किसानों ने अमित शाह के प्रस्ताव को अस्वीकार किया। दूसरा, किसान सड़क पर ही डटे रहेंगे। उन्होंने बुराड़ी मैदान को जेलखाना बताया है। दिल्ली के सभी पांच मुख्य रास्ते बंद करने का एलान किया है। इसके अलावा किसानों ने देश के सभी बुद्धिजीवियों की रिहाई की मांग भी की है।
किसान नेताओं ने बताया है कि अपनी रणनीति के सम्बंध में वे हर रोज प्रेसवार्ता करेंगे। आज 4:30 बजे प्रेस कोंफ्रेंस होनी तय है।