माले की दलित नेता जीरा भारती पर जानलेवा हमला, FIR के लिए डटी रहीं थाने में, शनिवार को प्रदर्शन


भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने प्रदेश कमेटी की सदस्य व ऐपवा नेता जीरा भारती पर मिर्जापुर में बुधवार शाम को हुए जानलेवा-यौन हमले की कड़ी निंदा की है। पार्टी ने घटना की एफआईआर दर्ज करने और हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर चार जुलाई को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है।

यह जानकारी देते हुए माले राज्य सचिव सुधाकर यादव ने बताया कि हमला उस समय हुआ जब कामरेड भारती एक जुलाई  की शाम मिर्जापुर से अपने घर जा रही थीं। उन पर पटेहरा में सामंती लम्पटों ने हमला किया। प्राइवेट पार्ट पर लात मारी गई। उन्हें गंभीर चोट आई। घटनास्थल पर लगभग आधे घंटे बाद पुलिस पहुंची। एक घंटे बाद एम्बुलेन्स भी आया। पटेहरा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्राथमिक इलाज हुआ।

राज्य सचिव ने बताया कि संबंधित थाना मड़िहान में तहरीर देने पर अगले दिन दोपहर बाद तक उक्त हमले की रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। हमलावर पक्ष भी ‘मैनेज’ करने में लगा हुआ था। पार्टी द्वारा एसपी-डीएम की जानकारी में लाया गया है। चोटिल होने के बावजूद कामरेड जीरा भारती (गुरुवार दो जुलाई को) यह बयान जारी करने तक थाने में पार्टी साथियों के साथ डटी हुई थीं। उनकी एफआईआर दर्ज कर हमलावरों को गिरफ्तार करने की मांग है।

कामरेड जीरा भारती दलित सामाजिक पृष्ठभूमि से आती हैं और जिले में खेत मजदूरों की लोकप्रिय नेता हैं। उन्होंने मजदूरी बढ़ाने, कोटेदारों की मनमानी और मनरेगा में भ्रष्टाचार के खिलाफ कई लड़ाइयां लड़ी हैं।

राज्य सचिव ने कहा कि योगी सरकार में महिलाओं व दलितों पर हमले की एफआइआर भी दर्ज कराना मुश्किल है, अपराधियों, दबंगों की गिरफ्तारी तो और भी मुश्किल है।

राज्य सचिव ने कहा कि चंदौली समेत कुछ अन्य जिलों में भी हाल में माले नेताओं और दलितों पर शारीरिक हमले की घटनाएं हुई हैं, लेकिन हमलावर सत्ता-संरक्षण में आजाद हैं। इसके अलावा, आंदोलनकारी नेताओं पर पुलिस दमन तेज हुआ है। सीतापुर, लखीमपुर खीरी, मिर्जापुर, मुरादाबाद, प्रयागराज व अयोध्या में माले नेताओं पर शांतिपूर्ण आंदोलन करने पर पुलिस द्वारा हाल में एफआइआर दर्ज किए गए हैं।

अरुण कुमार
राज्य कार्यालय सचिव


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