पहले पुर्तगाल और अब ऑस्ट्रेलिया में बच्चों ने जलवायु परिवर्तन के ख़िलाफ़ कदम उठाया है। ऑस्ट्रेलियाई पर्यावरण मंत्री के कोयला खदान विस्तार को मंजूरी देने के फैसले को रोकने के लिए आठ टीनएज बच्चों ने एक कैथोलिक नन के साथ मिल कर न्याय की गुहार लगायी है।
आठ युवा ऑस्ट्रेलियाई- इज़ी (उम्र 13, सिडनी), अंज (16, मेलबर्न), बेल्ला (14, बनबरी, WA), लौरा (16, सिडनी), वेरोनिका (17, सिडनी), एवा (17, सिडनी), टॉम ( 15, एडिलेड) और एम्ब्रोस (15, सिडनी) ने सिस्टर ब्रिगेड आर्थर (85, मेलबर्न) के समर्थन से मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया के फेडरल कोर्ट में एक मामला दायर किया, ताकि पर्यावरण मंत्री सुसान ले को उत्तर पश्चिमी न्यू साउथ वेल्स में स्थित विकरी कोयला खदान विस्तार परियोजना को अंतिम मंजूरी देने से रोका जा सके। विकरी कोयला खदान अपने जीवनकाल में 370 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन कर सकती है।
यह ऑस्ट्रेलिया का पहला ऐसा मामला है क्योंकि यह जलवायु परिवर्तन के खिलाफ युवा लोगों की सुरक्षा के लिए मंत्री के सामान्य कानून कर्तव्य का आह्वान करने की बात करता है। मामले के अनुसार, जलवायु संकट को बढ़ाने में कोयला की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए, यह तर्कसंगत है कि एक प्रमुख नई कोयला खदान को मंजूरी नहीं दी जानी चाहिए। यह जलवायु परिवर्तन पर ऑस्ट्रेलिया में पहली ऐसी कार्रवाई है जिसमें 18 साल से कम उम्र के बच्चों ने केस किया है क्योंकि जलवायु परिवर्तन के असर से सबसे ज्यादा नुकसान उन्हीं को होने की संभावना है।
इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा क्योंकि लोक-विधि (कॉमन लॉ ) या साधारण कानून के मामले अन्य न्यायालयों (जैसे यूके, भारत, कनाडा, आयरलैंड और न्यूजीलैंड) को प्रभावित कर सकते हैं। जलवायु परिवर्तन पर दुनिया के किसी भी देश के बच्चे ऐसा कदम उठा सकते हैं।
यह बच्चों द्वारा जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए हाल ही में पुर्तगाल में किये गये केस की तर्ज़ पर बढ़ रहे केसों की सूची में शामिल दूसरा मामला है।
मेलबर्न से 16 वर्षीय अंज शर्मा ने कहा कि “हर एक साल में, हमने अपने देश में जलवायु परिवर्तन से उपजी उथल-पुथल देखी है- आग- जो अधिक से अधिक संपत्ति को नष्ट करती है और बाढ़- जो जानें लेती है और तूफान, जो तबाही का सबब बनते हैं।”
“हर गर्मी के मौसम के पहले ऑस्ट्रेलिया की अब तक की सबसे भीषण गर्मी’ का लेबल देने के बावजूद भी इस मुश्किल को हल करने के बजाय और अधिक खनन को हरी झंडी दी जा रही है। इसे रोकना होगा और मुझे इसे रोकने में मदद करने के लिए कुछ करने पर गर्व है। ”
यह आठ बच्चे पहले भी ऑस्ट्रेलिया में स्कूल स्ट्राइक फ़ॉर क्लाइमेट (SS4C) में शामिल हुए हैं और उन्होंने पिछले साल 20 सितंबर को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था। वे अपने स्वयं के नामों में और दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन से प्रभावित सभी बच्चों के लिए एक बदलाव लाना चाहते हैं और जलवायु परिवर्तन के बुरे प्रभावों को भावी पीढ़यों के लिए कम करना चाहते हैं।
उनके मुकदमे के संरक्षक हैं सिस्टर ब्रिजिट आर्थर, जो ब्रिगिडिन असाइलम सीकर्स प्रोजेक्ट में शामिल एक 85 वर्षीय नन हैं। इस केस में कानूनी प्रतिनिधित्व इक्विटी जनरेशन के वकीलों – बैरिस्टर एमेरिस नेकवापिल और स्टेफ़नी सी बी बेंकर द्वारा प्रो-बोनो ( यानी बिना किसी फीस के मुफ्त ) किया जा रहा है।
इक्विटी जेनरेशन के प्रधान वकील डेविड बार्न्डेन ने कहा, “सरकार जलवायु संकट के कारणों और निहितार्थों को पूरी तरह से समझती है। युवा आस्ट्रेलियाई लोगों को जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान से बचाया जाना चाहिए। यह एक अनोखा मामला है, जो बच्चों को न्याय का अवसर प्रदान करता है इसलिए हमें इन साहसी बच्चों का प्रतिनिधित्व करने पर गर्व है।”
(Climateकहानी के सौजन्य से)