साथियों,
जिंदाबाद!
विस्थापन और वनों की कटाई के खिलाफ एक दशक से चले आ रहे प्रतिरोध के बावजूद कांग्रेस नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने छह अप्रैल को हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई और खनन की अंतिम मंजूरी दे दी.
वनों की कटाई के खिलाफ संघर्ष कर रहे आदिवासियों पर अडानी समूह के कर्मचारी अनुपम दत्ता की शिकायत पर 15 अप्रैल को मुकदमा दर्ज किया गया.
हसदेव अरण्य के समर्थन में 4 मई 2022 को देशव्यापी प्रदर्शनों का आयोजन किया जा रहा है। हम लोग आपके साथ हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति की अपील साझा करते हुए आग्रह करते है कि आपके साथ जितने भी लोग हो सकें- आप पोस्टर या बैनर ले कर अपनी बात रख सकते है- फ़ोटो या वीडियो लेकर आप अपनी जगह से ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हुए इस सांकेतिक विरोध में अपना समर्थन दे सकते है।
हसदेव-पर्चा-4-मईअगर संभव हो तो आपके शहर, गांव या तहसील में एक साथ आ कर भी हसदेव के लोगों को अपना समर्थन दें। सोशल मीडिया पर पोस्ट करते समय इन हैशटैग का इस्तेमाल कीजियेगा।
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