इंदौर। अनेक प्रबुद्ध दर्शकों ने स्वतंत्रता दिवस की संध्या प्रसिद्ध डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता मेघनाथ के साथ गुजारी। वे अपनी फिल्म ‘अजान्त्रिक की खोज’ को लेकर दशकों से रुबरु हुए थे।
स्टेट प्रेस क्लब परिसर में मेघनाथ ने विश्व प्रसिद्ध फिल्म निर्माता ऋतिक घटक की फिल्म ‘अजान्त्रिक’, जो 1958 में प्रदर्शित हुई थी उस फिल्म के निर्माण की परिस्थितियों, फिल्म की शूटिंग के स्थलों तथा तब से अब तक आए आदिवासी समाज जीवन में बदलाव को रेखांकित करती फिल्म ‘अजान्त्रिक की खोज’ प्रदर्शित की।

स्टेट प्रेस क्लब एवं भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में फिल्म के बारे में दर्शकों से मुखातिब होते हुए मेघनाथ ने कहा की यान्त्रिक युग में अजान्त्रिक की खोज ऋतिक घटक की परंपरा को ही आगे बढ़ने का प्रयास है। उन्होंने बताया कि आदिवासी समाज में सामूहिकता होती है वह उनके जीवन का ही हिस्सा है।
दर्शकों को मेघनाथ की दो लघु फिल्में और भी देखने को मिली जिनमें एक तो जन गीत का स्वरूप ले चुके गीत गांव छोड़ब नाहीं, जंगल छोड़ब नाहीं तथा दूसरी मुंडा जनजाति पर एनिमेशन फ़िल्म थी।
अतिथि परिचय सारिका श्रीवास्तव ने दिया। मेघनाथ का स्वागत स्टेट प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रवीण खरीवाल एवं इप्टा के वरिष्ठ साथी अरविंद पोरवाल ने किया। उन्हें स्मृति चिन्ह सारिका श्रीवास्तव एवं सोनाली ने भेंट किया। संचालन एवं आभार प्रदर्शन हरनाम सिंह ने किया।