‘संविधान की प्रस्तावना को आत्मसात कर उसे सुदूर ग्रामीण अंचलों तक पहुंचाना होगा’!

वरिष्ठ पत्रकार ए के लारी ने कहा कि सदियों से भारतीय समाज मेल-जोल से रहने का हामी रहा है। हमने पूरी दुनिया को सिखाया है कि विभिन्नता हमारी कमजोरी नहीं बल्कि ताकत है। आज दुनिया भर में पत्रकारिता के आयाम बदले हैं, हमारा मुल्क भी उससे प्रभावित हुआ है। बावजूद इसके यह सोच लेना कि सभी पत्रकार सरकार की सोच के साथ हैं ठीक नहीं है।

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