मुलताई गोलीकांड में छुपे हैं मौजूदा किसान आंदोलन की कामयाबी के बीज

मुलताई गोलीकांड की खास बात यह है कि 12 जनवरी को गोली चालन कराने का षड्यंत्र करने वालों को सजा नहीं हुई, तीन मुकदमों में मेरे साथ-साथ तीन अन्य आंदोलनकारियों को आजीवन कारावास की सजा हुई। नेतृत्व करने के कारण मुझे 54 वर्ष की सजा सुनाई गई।

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सरकारों ने मुलताई गोलीचालन कांड से सबक नहीं सीखा: डॉ. सुनीलम

सरकार ने 23 वर्षो में मुलताई गोली चालन से कोई सबक नहीं सीखा है। गोली चालन के बाद सरकार द्वारा गठित न्यायिक जांच आयोग ने सरकार और आंदोलनकारियों के बीच संवाद को सर्वाधिक महत्व दिया था लेकिन सरकारें आज भी आंदोलनकारियों के साथ संवाद करने के लिए तैयार नहीं होती तथा दमन का रास्ता अपनाती है।

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