बिहार चुनाव: सामाजिक न्याय का घोषणापत्र

ब्राह्मणवादी सवर्ण पुनर्उत्थान के दौर में सामाजिक न्याय की पार्टियों ने पूर्णतः समर्पण कर दिया हो तो केवल ‘भाजपा हराओ’ के नारे के साथ भाजपा विरोधी गठबंधन के पीछे खड़ा नहीं हुआ जा सकता है बल्कि बहुजन आंदोलन का स्वतंत्र हस्तक्षेप जरूरी हो जाता है.

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