![](https://junputh.com/wp-content/uploads/2021/06/jitin-prasada-pti1-1623246153-348x215.jpg)
अधूरी विजय-यात्रा में सम्पन्न होते अश्वमेध यज्ञ का भय
भाजपा अब अपनी आगे की यात्रा सिर्फ़ पुरानी भाजपा के भरोसे नहीं कर सकती! उसे अपनी पुरानी चालों और पुराने चेहरों को बदलना पड़ेगा। चेहरे चाहे किसी योगी के हों या साक्षी महाराज, गिरिराज सिंह, साध्वी प्राची, प्रज्ञा ठाकुर या उमा भारती के हों। इसका एक अर्थ यह भी है कि राजनीति में सत्ता का बचे रहना ज़रूरी है, व्यक्तियों का महत्व उनकी तात्कालिक ज़रूरत के हिसाब से निर्धारित किया जा सकता है।
Read More