हम तब भी कहते थे कि बेगुनाह हैं, और आज अदालत भी यही कह रही…

देश को समझना होगा कि ये नौजवान जिन्हें सालों बाद छोड़ा जा रहा ये इस देश के मानव संसाधन हैं. जेल में कैद कर सियासत कामयाब हो सकती है पर मुल्क नहीं.

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