बुंदेलखंड का अमेज़न ‘प्रोजेक्ट बकस्‍वाहा’ और देशव्यापी विरोध की जरूरत

आज जब देश और दुनिया क्लाइमेट चेंज (मौसम में बदलाव) के रूप में अब तक का सबसे बड़ा पर्यावरणीय संकट झेल रहे हैं, प्रोजेक्ट बकस्‍वाहा जैसी परियोजनाओं का व्यापक देशव्यापी विरोध जरूरी है। साथ ही इसके बरअक्स हवा, पानी, जंगल और जानवरों को बचाने वाली परियोजना चलाये जाने की जरूरत है जो दरअसल इंसानों को बचाने की परियोजना होगी।

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पंचतत्व: जंगल कटते हैं तो कटते रहें… क्योंकि हीरा तो है सदा के लिए!

वन और पर्यावण मंत्रालय देश के पर्यावरण कानूनों में बड़े बदलाव लाने की तैयारी कर रहा है और वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 में भी बदलाव लाया जा सकता है. अगर यह रिपोर्ट सही है तो इसका मतलब यह हुआ कि पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील इलाकों में में भी इन्फ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक ढांचे विकसित किये जा सकेंगे.

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