राग दरबारी: मुसलमान ही नहीं, कई जातियों को बीजेपी ने अछूत बना दिया है

सवाल यह नहीं है कि लोकतांत्रिक पद्धति में मुसलमानों की हैसियत खत्म हो गयी है या नहीं हो पायी है। सवाल यह है कि मुसलमानों की हैसियत कितनी रह गयी है? और इसका जवाब यह है कि मुसलमानों की हैसियत पिछले सात वर्षों में बिहार व उत्तर प्रदेश के यादवों, हरियाणा के जाटों, महाराष्ट्र के महारों और उत्तर प्रदेश के जाटवों से थोड़ी ज्यादा ही बुरी है।

Read More

राग दरबारी: बिहार में पिछड़ों की राजनीति किसके इर्द-गिर्द घूम रही है?

आज के हालात में विधानसभा में आए परिणाम के बाद नीतीश व कुशवाहा दोनों को लग गया है कि गैर-राजद पिछड़ों का पूरा का पूरा जनाधार कहीं बीजेपी में शिफ्ट न हो जाए।

Read More

गाहे-बगाहे: संग से सर मारकर पैदा न होए आशना

पिछड़ों के बीच पैदा हुए महापुरुषों, उनके विचारों और उनके कृतित्व पर ब्राह्मणवाद जितनी बेरहमी से हमला करता है उससे कहीं ज्यादा घातक रूप में पिछड़े ही उन पर हमला करके उन्हें तबाह करते हैं। बक़ौल राजेंद्र यादव, उन्हें गुलामी में जितना आनंद आता है उससे कहीं अधिक आज़ादी से खतरा महसूस होता है।

Read More