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ऐक्टू व अन्य केन्द्रीय ट्रेड यूनियन संगठनों ने किया श्रम-मंत्रालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन
मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ में प्रवासी मजदूरों को राशन के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है. लॉक-डाउन के चलते करोड़ों मजदूरों की नौकरियां चली गई और मालिकों द्वारा वेतन भी हड़प लिया गया. राजधानी दिल्ली तक में कई सरकारी विभागों के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं मिला.
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