गोड्डा प्रोजेक्ट से बांग्लादेश को महंगी बिजली बेचकर मुनाफा काटने में लगा है अडानी


बांग्लादेश, भारत और ऑस्ट्रेलिया के वक्ताओं ने एक ऑनलाइन संगोष्ठी में यह राय दी कि भारतीय निगम अडानी पावर उच्च लागत वाली कोयला बिजली के निर्यात की योजना बनाकर बांग्लादेश का उपयोग अपने लाभ को अधिकतम करने के लिए कर रहा है, जबकि वे वास्तव में इसके बजाय बहुत सस्ती नवीकरणीय ऊर्जा का निर्यात कर सकते हैं।

बांग्लादेश से विदेश ऋण पर बांग्लादेश वर्किंग ग्रुप (बीडब्ल्यूजीईडी), ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वुमन एसोसिएशन (एपवा), इंडियन सोशल एक्शन फोरम (इंसाफ), ग्रोथवॉच, एनविरॉनिक्‍स ट्रस्ट, माइंस मिनरल्स एंड पीपल (एमएमएंडपी) द्वारा इस संगोष्‍ठी का सोमवार को सह-आयोजन किया गया था।

अमेरिका स्थित थिंक टैंक इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस (आईईईएफए) के एनर्जी फाइनेंस स्टडीज के निदेशक टिम बकले ने कहा, ‘’अडानी पावर भारत में नवीकरणीय ऊर्जा का सबसे बड़ा उत्पादक है, जो अब देश के अन्य सभी बिजली उत्पादन स्रोतों में सबसे सस्ता है।‘’ उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अगले चार दशकों में सौर ऊर्जा की कीमत 99 प्रतिशत गिर जाएगी ।

उन्‍होंने कहा, “अगर बांग्लादेश को वास्तव में अडानी से बिजली की जरूरत है, तो उन्हें इसके बजाय सस्ती नवीकरणीय ऊर्जा की मांग करनी चाहिए। अन्यथा बांग्लादेश में लोगों को अडानी गोड्डा कोल पावर प्लांट से काफी अधिक कीमत पर बिजली के लिए भुगतान करना पड़ सकता है।‘’

शोधकर्ता सज्जाद हुसैन तुहिन ने कहा कि बांग्लादेश अडानी गोड्डा पावर प्लांट से 7.53 टका प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदेगा लेकिन भारत में सौर ऊर्जा की कीमत केवल 2.74 टका है।

Webinar on Adani & Godda Coal Power Plant

Live Stream: Webinar on Adani & Godda Coal Power Plant

Posted by Bangladesh Working Group on External Debt on Monday, August 10, 2020

अगस्त 2016 में अडानी पावर ने भारत के झारखंड के गोड्डा जिले में बिल्ड-ओ-ऑपरेट (बीओयू) आधार पर 1600 (2×800) मेगावाट थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने के लिए बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (बीपीडीबी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। अडानी इस परियोजना से उत्पादित पूरी बिजली का निर्यात बांग्लादेश को करेगा। बिजली उत्पादन के लिए इस्तेमाल होने वाले कोयले का आयात ऑस्ट्रेलिया की कारमाइकल कोयला खदान से किया जाएगा।

2018 में एक पूर्व अध्ययन में आईईईएफए ने चेतावनी दी थी कि अडानी गोड्डा पावर प्लांट बांग्लादेश को ऐसे समय में उच्च उत्सर्जन के साथ महंगी बिजली के जाल में जकड़ देगा जब पूरे भारत में स्वच्छ, ऊर्जा के सस्ते वैकल्पिक स्रोतों को तेजी से लागू किया जा रहा है।

आईईईएफए के मुताबिक, अडानी की गोड्डा परियोजना ऑस्ट्रेलिया में कारमाइकल खदान से कोयले के लिए वैकल्पिक गंतव्य प्रदान करने का एक तरीका है, जिसका उद्देश्य मूल रूप से भारत में अडानी के मुंद्रा संयंत्र के लिए था, जो अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा है।

भारत से आए वक्ताओं ने कहा कि अडानी गोड्डा पावर प्लांट को भारत में पुरजोर विरोध का सामना करना पड़ रहा है। झारखंड विधानसभा के एक सदस्य प्रदीप यादव ने कहा, “परियोजना की भूमि की कीमतों में रातोंरात हेरफेर किया गया और इसकी वास्तविक कीमत का एक तिहाई तक कम कर दिया गया। सभी संबंधित नीतियों का उल्लंघन किया गया।‘’ अडानी गोड्डा पावर प्लांट के लिए अपनी जमीन गंवाने वाले आदिवासी समुदाय के सदस्य सूर्यनारायण हेम्ब्रम ने कहा, ‘’हमारे पास पीने के लिए पर्याप्त पानी भी नहीं है। अधिकांश पेयजल स्रोत निर्माण स्थल के आसपास नष्ट हो जाते हैं। बटाईदारों ने अपनी जमीन और आजीविका खो दी है।‘


साभार: द डेली स्टार


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