ग्रेटर चेन्नई निगम ने बिना किसी नोटिस के 700 सफाईकर्मियों की छंटाई कर दी है. कई श्रमिकों ने कहा कि वे नागरिक निकाय के साथ वर्षों से काम कर रहे थे और यहां तक कि कोविड-19 के लिए काम पर रखे गये थे. कर्मचारियों ने विरोध शुरू कर दिया, नारे लगाए और न्याय की मांग की.
चेन्नई कॉरपोरेशन द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन को निजी हाथों में सौंपने के कुछ महीने बाद यह कदम उठाया गया.
विपक्षी डीएमके ने सत्तारूढ़ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) सरकार और मुख्यमंत्री एडप्पादी के पलानीस्वामी पर निशाना साधा है. डीएमके नेता कनिमोझी ने ट्वीट कर लिखा है- कोरोना योद्धाओं का जश्न पूरे राज्य में मनाया गया और अब सरकार ने बिना नोटिस उन्हें निकाल दिया. महामारी और बेरोजगारी के इस दौर में उनके साथ यह क्रूरता निंदनीय है. इन कर्मचारियों के प्रति आभारी होने के बजाय उन्हें पोंगल की पूर्व संध्या पर बेरोजगारी का ईनाम दिया गया है.
इन कर्मचारियों ने सेवा बहाली न होने पर आत्मदाह की चेतावनी दी है.