गणतंत्र दिवस पर दिल्ली की सीमाओं से शुरू हुआ किसान परेड दिन चढ़ते ही अराजक स्थिति में पहुँच गया जब सिंघू बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर से चले जत्थों ने पहले से तय रूट को तोड़ते हुए दिल्ली का रुख कर लिया. खबर लिखे जाने तक किसान ITO और लाल किला तक पहुँच चुके थे.
तमाम अवरोधों को पार कर के किसानों का एक बड़ा समूह ट्रैक्टर रैली लेकर लाल किला पहुंच चुका है. वहां पहुंच कर किसानों ने अपना झंडा फहराया और नारा लगाया. पुलिस ने इस बीच लाल किले पर कोई बाल प्रयोग नहीं किया.
विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की आज की ट्रैक्टर रैली का जत्था जब तमाम अवरोधों को तोड़ते हुए दिल्ली के आईटीओ तक घुस आया तो वहां पुलिस से उनकी झड़प हुई और हालात तनावपूर्ण हो गये. पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे और दोनों तरफ से पथराव की भी खबरें आईं.
एक समय हालात हद से अधिक बेकाबू हो गये जब कुछ प्रदर्शनकारी किसानों ने ट्रैक्टर को बेकाबू दौड़ाया, इस बीच पीछे से आवाज आ रही थी कि अब गोली मारनी पड़ेगी.
पुलिस ने लाठीचार्ज किया है और दोनों के बीच झड़प तेज हो गयी है. पुलिस किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पूरी ताकत लगा रही है, वहीं किसानों का जत्था भी डटा हुआ है. इस झड़प में दोनों तरफ के कई लोग जख्मी हुए हैं.
आज किसानों के कुछ गुटों ने अलग-अलग हिस्सों से दिल्ली में प्रवेश किया, पुलिस ने इन्हें रोकने की कोशिश की. मयूर विहार इलाके में किसान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ी. दिलशाद गार्डन में भी पुलिस ने किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया.
आज सुबह से किसानों के ट्रैक्टर परेड को जगह-जगह पुलिस द्वारा रोके जाने की ख़बरें आ रही थी. गाज़ीपुर बॉर्डर पर पुलिस किसानों पर आंसू गैस दाग रही थी. एनबीटी ने इसका वीडियो ट्वीट किया है. वहीं संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में वाटर कैनन के ऊपर किसान चढ़ गये.
किसान मजदूर संघर्ष कमिटी के सतनाम सिंह पन्नू ने सिंघु बॉर्डर पर कहा था कि पुलिस किसानों को रिंग रोड की तरह बढ़ने से रोक रही है. इस सन्दर्भ में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से बात करने के लिए किसानों ने 45 मिनट का समय दिया था.