बंगलुरु की पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद अब दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा थुनबर्ग ‘टूलकिट’ केस में मुंबई की एक वकील निकिता जेकब और शान्तनु नामक व्यक्ति के खिलाफ गैर-ज़मानती वॉरंट जारी किया है।
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के संस्थापक एमओ धालीवाल ने निकिता से अपने सहयोगी पुनीत के माध्यम से संपर्क किया था। इसका उद्देश्य गणतंत्र दिवस के ठीक पहले एक ट्विटर स्टॉर्म आयोजित करना था।
पुलिस के मुताबिक गणतंत्र दिवस से पहले एक जूम मीटिंग हुई थी जिसमें निकिता, दिशा, धालीवाल और अन्य शामिल थे।
चार दिन पहले दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की एक टीम निकिता के घर गयी थी जहां उसने निकिता के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच की थी। साइबर सेल के संयुक्त आयुक्त प्रेम नाथ ने कहा है कि निकिता, शान्तनु और दिशा ने मिलकर ‘टूलकिट’ बनाया है। इस मामले में जो ईमेल खाता बनाया गया वो और टूलकिट दोनों शान्तनु का है और बाकी ने टूलकिट का केवल संपादन किया है।
निकिता ने सोमवार को बॉम्बे हाइकोर्ट में एक अग्रिम ज़मानत याचिका लगायी है जिस पर सुनवाई मंगलवार को होनी है।
निकिता के खिलाफ शिकायत दिल्ली पुलिस में लीगल राइट्स ऑब्जर्वेटरी नाम के एक संगठन ने की थी जिसके आधार पर गैर-जमानती वॉरन्ट जारी किया गया है।