फेसबुक की नीति निदेशक (भारत, दक्षिण एशिया और मध्य एशिया) आंखी दास अचानक ट्विटर से गायब हो गयी हैं। उनका खाता खोजे नहीं मिल रहा।
इसके अलावा उन्होंने फेसबुक कंपनी के मुस्लिम कर्मचारियों से लिखित माफ़ी मांगी है। बज़फीड की ख़बर के मुताबिक आंखी दास ने एक पोस्ट शेयर की थी जिसमें मुस्लिमों को ‘’डिजनरेट’’ यानी पतित कहा गया था। इस पोस्ट पर उन्होंने कंपनी के मुस्लिम कर्मचारियों से लिखित माफी मांगते हुए कहा है कि ‘’मेरी फेसबुक पोस्ट की मंशा इस्लाम को अपमानित करने की नहीं थी।‘’
नीचे फेसबुक के मुस्लिम कर्मचारियों के नाम आंखी दास का माफ़ीनामा पढ़ा जा सकता है:
आंखी दास का ट्विटर खाता गायब होने और कंपनी के भीतर जारी माफ़ीनामे के बाद अब एक ताज़ा घटनाक्रम में इंंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस, यूएस ने आंखी दास के फेसबुक से इस्तीफ़े की मांग उठा दी है। अमेरिका से चलने वाला यह समूह भारत में लोकतंत्र, स्वतंत्रता और न्याय के लिए काम करता है।
इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस के अध्यक्ष मोहिंदर सिंह ने सोमवार को जारी एक बयान में भारत की कांग्रेस पार्टी द्वारा मार्क जुकरबर्ग को भेजी गयी चिट्ठी में फेसबुक और भारतीय जनता पार्टी के रिश्तों की की जांच करवाने का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यह अफ़सोस की बात है कि भारत के लोगों के लिए 74 साल से जो कांग्रेस पार्टी लगातार लड़ रही है उस भारतीय लोकतंत्र को मुनाफा बनाने वाली एक कंपनी फेसबुक ने नीचा दिखाया है।
उन्होंने जांच के सबसे पहले कदम के रूप में आंखी दास के इस्तीफ़े की मांग उठायी है।
बीते 16 अगस्त की रात दिल्ली के साइबर सेल में कुछ लोगों के खिलाफ़ धमकी और जान के खतरे की शिकायत दर्ज करवाने के बाद आंखी दास एक अप्रत्याशित विवाद में फंस गयी थीं जब इनमें से एक व्यक्ति वरिष्ठ पत्रकार निकला। अगले ही दिन आंखी दास पर रायपुर में एफआइआर हो गयी। इसके बाद अमेरिका की कमेटी टु प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) ने एक बयान जारी किया जिससे मामला दुनिया भर में फैल गया।
आंखी दास पर एफआइआर दर्ज करवाने वाले पत्रकार और स्वराज चैनल के छत्तीसगढ़ प्रमुख आवेश तिवारी ने बताया कि सीपीजे के बाद अब रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) ने भी उनसे संपर्क किया है और उनका लम्बा साक्षात्कार लिया है। दुनिया में पत्रकारों के हक की रक्षा करने वाली इन दो सबसे अग्रणी संस्थाओं के सक्रिय होने के बाद फेसबुक की मुसीबतें बढ़ गयी हैं।
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