AIKSCC का नागरिकों से आह्वान- नए वर्ष पर किसानों के नाम भारत के संविधान की शपथ लें!


प्रिय साथी
जिन्दाबाद!

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के वर्किंग ग्रुप द्वारा 1 जनवरी 2021 के लिए यह निम्न कार्यक्रम प्रस्तावित किया गया है।

देशभर के किसान, मजदूर, युवा, महिला, आदिवासी,अल्पसंख्यक, दलित, बहुजन समाज से जुड़े संगठनों, मानवअधिकार, नागरिक एवं जनसंगठनों, संस्थाओं एवं अनिश्चितकालीन किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे नागरिकों से हमें अपील करना चाहिए कि वे 1 जनवरी 2021को कार्यक्रम आयोजित कर नए वर्ष के लिए निम्नलिखित संकल्प -शपथ लें ।

कार्यक्रम के दौरान भारत के संविधान के प्रस्तावना को वाक्यवार पढ़ा जाए तथा कार्यक्रम में उपस्थित साथियों द्वारा दोहराया जाए, हाथ ऊंचा कर मुट्ठी बांधकर प्रस्तावना पढ़ने के बाद यह संकल्प लिया जाए।

सभी संगठनो से अनुरोध है कि वे राष्ट्रीय ध्वज के साथ अपने झंडे लेकर कार्यक्रम में आएं। माइक की अनुमति न मिलने पर
हैंड माइक का इस्तेमाल जरूर करें।

(भारत का संविधान)

उद्देशिका

हम, भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व- सम्पन्न, समाजवादी,पंथ-निरपेक्ष  लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को :

सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए तथा, उन सबमें व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढाने के लिए, दृढ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर, 1949 ई0 को एतद द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।”

संकल्प – शपथ पत्र

हम संकल्प लेते हैं कि भारत के संविधान की उद्देशिका को लागू कराने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

हम संकल्प लेते हैं कि केंद्र सरकार द्वारा लादे गए 3 किसान विरोधी कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर देश के किसानों के द्वारा चलाए जा रहे अनिश्चितकालीन आंदोलन को देश की आजादी के लिए शहीद हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, किसान आंदोलन के शहीदों तथा अनिश्चितकालीन आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों की प्रेरणा से कानून रद्द किए जाने तक लगातार चलाएंगे।

हम संकल्प लेते हैं कि हम देश के किसान, किसानी और गांव को कार्पोरेट के हाथों में जाने से बचाने, देश की खाद्य सुरक्षा एवं आत्मनिर्भरता को बचाने के लिए सतत संघर्ष जारी रखेंगे।

हम कृषि कानूनों को रद्द कराने, बिजली बिल वापस कराने और सभी कृषि उत्पादों की सी 2 +50 प्रतिशत पर खरीद सुनिश्चित करने की कानूनी गारन्टी देने वाला कानून देश में लागू कराने के लिए हर बलिदान करने को तैयार रहेंगे।
हम मानते हैं कि जब किसान बचेगा तभी देश बचेगा और मजबूत होगा ।

किसान बचाओ, देश बचाओ।
किसान विरोधी कानून रद्द करो।
इंकलाब जिंदाबाद!


(अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के वर्किंग ग्रुप की ओर से जारी)


About जनपथ

जनपथ हिंदी जगत के शुरुआती ब्लॉगों में है जिसे 2006 में शुरू किया गया था। शुरुआत में निजी ब्लॉग के रूप में इसकी शक्ल थी, जिसे बाद में चुनिंदा लेखों, ख़बरों, संस्मरणों और साक्षात्कारों तक विस्तृत किया गया। अपने दस साल इस ब्लॉग ने 2016 में पूरे किए, लेकिन संयोग से कुछ तकनीकी दिक्कत के चलते इसके डोमेन का नवीनीकरण नहीं हो सका। जनपथ को मौजूदा पता दोबारा 2019 में मिला, जिसके बाद कुछ समानधर्मा लेखकों और पत्रकारों के सुझाव से इसे एक वेबसाइट में तब्दील करने की दिशा में प्रयास किया गया। इसके पीछे सोच वही रही जो बरसों पहले ब्लॉग शुरू करते वक्त थी, कि स्वतंत्र रूप से लिखने वालों के लिए अखबारों में स्पेस कम हो रही है। ऐसी सूरत में जनपथ की कोशिश है कि वैचारिक टिप्पणियों, संस्मरणों, विश्लेषणों, अनूदित लेखों और साक्षात्कारों के माध्यम से एक दबावमुक्त सामुदायिक मंच का निर्माण किया जाए जहां किसी के छपने पर, कुछ भी छपने पर, पाबंदी न हो। शर्त बस एक हैः जो भी छपे, वह जन-हित में हो। व्यापक जन-सरोकारों से प्रेरित हो। व्यावसायिक लालसा से मुक्त हो क्योंकि जनपथ विशुद्ध अव्यावसायिक मंच है और कहीं किसी भी रूप में किसी संस्थान के तौर पर पंजीकृत नहीं है।

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