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‘सीने में फांस की तरह’ फंसी कविताएं
कवि के सीने की फाँस है सेलेब्रिटी बनाम सामान्य मनुष्य। वह कहते हैं- सराहना में/खो जाते सामान्यजन स्वतः/अपने आप। लगभग सभी कविताओं में कवि ऐसे ही विचलित होता है और मानवता के पक्ष में अपनी आवाज उठाता है। ‘आदिवासी’ कविता में निमाड़, मालवा के आदिवासियों का संघर्ष, उनकी बेबसी, उनके दुख, गरीबी और पीड़ा की अभिव्यक्ति हुई है। ‘मिथ’ बड़े पृष्ठभूमि की कविता है जिसमें कवि ने अन्तर्विरोधों को रेखांकित किया है।
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