मजबूत हो रहे लोकतंत्र में अब ऐसे ही चलेगा?
जितेन्द्र कुमार चुनाव विश्लेषक और राजनीतिशास्त्री प्रोफेसर योगेन्द्र यादव हर चुनाव के बाद अक्सर टीवी पर बैठकर कहते हैं कि लोकतंत्र की जड़ें लगातार गहरी होती जा रही हैं (डीपेनिंग …
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जितेन्द्र कुमार चुनाव विश्लेषक और राजनीतिशास्त्री प्रोफेसर योगेन्द्र यादव हर चुनाव के बाद अक्सर टीवी पर बैठकर कहते हैं कि लोकतंत्र की जड़ें लगातार गहरी होती जा रही हैं (डीपेनिंग …
Read Moreश्री शिवमंगल सिद्धांतकर ”बाबा” मंगलेश डबराल के राकेश सिन्हा के साथ मंच साझा करने का विवाद अभी थमा भी नहीं था (आज ही जनसत्ता में मंगलेश जी की लंबी टिप्पणी …
Read MoreVidyarthee Chatterjee Saadat Hasan Manto: May 11, 1912 – January 18, 1955 If Saadat Hasan Manto had been living, he would have been a centenarian this year, thirty-five years …
Read MoreThe Hindu : Opinion / Op-Ed : Reaping gold through cotton, and newsprint The same full page appeared twice in three years, the first time as news, the second time …
Read More(प्रियदर्शन जी के जवाब पर रंजीत वर्मा ने टिप्पणी भेजी है और मेरे द्वारा उठाए गए क्रोनी जर्नलिज्म के सवाल को इस बहस से हटाने की बात कही है। बहस …
Read Moreदैनिक भास्कर में रंजीत वर्मा के छपे लेख की मूल प्रति में से प्रियदर्शन के लेख की आलोचना को संपादित किए जाने संबंधी पोस्ट पर प्रियदर्शन जी ने अपना पक्ष रखा …
Read Moreगुंटर ग्रास की कविता पर जो बहस पिछले दिनों शुरू हुई थी, वह हिंदी अखबारों का हिस्सा बन चुकी है। अफसोस केवल इस बात का है कि अखबारों ने अब …
Read Moreहमारे प्रिय कवि मंगलेश जी जब भारत नीति प्रतिष्ठान के मंच पर राकेश सिन्हा के साथ पाए गए और उसकी तस्वीर सार्वजनिक होने के बाद जब विवाद पैदा हुआ, तो …
Read Moreपढि़ए समकालीन तीसरी दुनिया का मई अंक, नीचे दिए कवर पर क्लिक करें… Read more
Read Moreगुंटर ग्रास की कविता पर विष्णु खरे के हस्तक्षेप के बहाने जो बात-बहस शुरू हुई थी, उसमें निजी चिट्ठियों वाला सिलसिला और पहलू अब भी जारी है, अलबत्ता अब यह द्वंद्व …
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