मजबूत हो रहे लोकतंत्र में अब ऐसे ही चलेगा?

जितेन्द्र कुमार चुनाव विश्लेषक और राजनीतिशास्त्री प्रोफेसर योगेन्द्र यादव हर चुनाव के बाद अक्सर टीवी पर बैठकर कहते हैं कि लोकतंत्र की जड़ें लगातार गहरी होती जा रही हैं (डीपेनिंग …

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बाबा की मेज़ पर मोदी की शील्‍ड? (ये मामला इंडिविजुअल है, मीटिंग बुला लेते हैं)

श्री शिवमंगल सिद्धांतकर ”बाबा” मंगलेश डबराल के राकेश सिन्‍हा के साथ मंच साझा करने का विवाद अभी थमा भी नहीं था (आज ही जनसत्‍ता में मंगलेश जी की लंबी टिप्‍पणी …

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ये डरे हुए लोग हैं, अंत तक कहेंगे आप नकली हैं: रंजीत वर्मा

(प्रियदर्शन जी के जवाब पर रंजीत वर्मा ने टिप्‍पणी भेजी है और मेरे द्वारा उठाए गए क्रोनी जर्नलिज्‍म के सवाल को इस बहस से हटाने की बात कही है। बहस …

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दिखावटी राजनीति से सावधान: प्रियदर्शन

दैनिक भास्‍कर में रंजीत वर्मा के छपे लेख की मूल प्रति में से प्रियदर्शन के लेख की आलोचना को संपादित किए जाने संबंधी पोस्‍ट पर प्रियदर्शन जी ने अपना पक्ष रखा …

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गुंटर ग्रास पर दैनिक भास्‍कर का ”क्रोनी जर्नलिज्‍म”

गुंटर ग्रास की कविता पर जो बहस पिछले दिनों शुरू हुई थी, वह हिंदी अखबारों का हिस्‍सा बन चुकी है। अफसोस केवल इस बात का है कि अखबारों ने अब …

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मंगलेश! तुम्‍हारी ‘चूक’ पर मैं हैरान हूं: आनंद स्‍वरूप वर्मा

हमारे प्रिय कवि मंगलेश जी जब भारत नीति प्रतिष्‍ठान के मंच पर राकेश सिन्‍हा के साथ पाए गए और उसकी तस्‍वीर सार्वजनिक होने के बाद जब विवाद पैदा हुआ, तो …

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बूढ़े गिद्ध का नया शिकार: विष्‍णु खरे बनाम व्‍यालोक पाठक

गुंटर ग्रास की कविता पर विष्‍णु खरे के हस्‍तक्षेप के बहाने जो बात-बहस शुरू हुई थी, उसमें निजी चिट्ठियों वाला सिलसिला और पहलू अब भी जारी है, अलबत्‍ता अब यह द्वंद्व …

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