जैंजि़बार के दिन और रातें: पहली किस्त
प्रो. विद्यार्थी चटर्जी (प्रो. विद्यार्थी चटर्जी पुराने फिल्म आलोचक हैं, राष्ट्रीय फिल्म अवॉर्ड की जूरी में रहे हैं और मज़दूर आंदोलनों से इनका करीबी रिश्ता रहा है। इनके लिखे का …
Read MoreJunputh
प्रो. विद्यार्थी चटर्जी (प्रो. विद्यार्थी चटर्जी पुराने फिल्म आलोचक हैं, राष्ट्रीय फिल्म अवॉर्ड की जूरी में रहे हैं और मज़दूर आंदोलनों से इनका करीबी रिश्ता रहा है। इनके लिखे का …
Read MoreJ. VenkatesanEnsure that no innocent has the feeling of sufferance only because ‘my name is Khan, but I am not a terrorist,’ Bench tells Police No innocent person should be …
Read Moreयह लेख अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव के संदर्भ में लिखा गया है। आपको बस इतना करना है कि कुछ शब्दों को गलत पढ़ देना है, जैसे US की जगह भारत, …
Read Moreमहताब आलम बटला हाउस ‘इनकाउंटर’ को चार साल पूरे हो गए। 19 सितम्बर 2008 की सुबह दिल्ली के जामिया नगर इलाके में बटला हाउस स्थित एल-18 फ्लैट में एक …
Read Moreशेखर स्वामी मल्टीब्रांड रीटेल में एफडीआई के संबंध में नीति निर्माण के दौरान भारत विशिष्ट कुछ परिस्थितियों को संज्ञान में लिया जाना अपरिहार्य है, बजाय इसके कि इस मामले में …
Read Moreजस्टिस राजिंदर सच्चर भारत में रीटेल कारोबार अनुमानत: 400 अरब डॉलर का है लेकिन इसमें कॉरपोरेट हिस्सेदारी सिर्फ पांच फीसदी है। भारत में रेहड़ी-पटरी लगाने वालों को जोड़ लें तो …
Read Moreसिंगल ब्रांड खुदरा बाज़ार में 100 फीसदी और मल्टीब्रांड में 51 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ने तबाही की अंतिम खुराक इस देश को खिला दी है। दस-बारह साल का खेल …
Read Moreअभिषेक श्रीवास्तव कोयले का सबक: जनता की सफाई ज़रूरी है क्या घोटाले की भी किसी को ज़रूरत हो सकती है? घोटाला ज़रूरत की चीज़ है या लोभ से पैदा होता …
Read Moreअभिषेक श्रीवास्तव उसका चेहरा मेरे ज़ेहन से नहीं जा रहा। बताना भी उतना आसान नहीं कि देखने में वो कैसा था। पहली नज़र में सांवला, गोल और विशाल थोबड़ा। आंखें …
Read MoreSaturday, 01 September 2012 07:11 By Nigel Gibson, Truthout | News Analysis It is true that labor produces for the rich wonderful things – but for the worker it produces …
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