अल्पसंख्यक कांग्रेस ने आज उत्तर प्रदेश के सभी ज़िलों में संविधान चर्चा दिवस मनाया। अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने जारी बयान में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 42वें संविधान संशोधन के ज़रिए संविधान की प्रस्तावना में समाजवाद और पंथनिरपेक्ष शब्द जोड़ा गया था जो 1977 में 3 जनवरी से अमल में आया था।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि देश कि एकता, अखण्डता, सामाजिक और आर्थिक न्याय की बुनियाद इन्हीं दो शब्दों पर टिकी है। इंदिरा गांधी का देश को यह सबसे बड़ी देन है।
भाजपा इन दोनों शब्दों को संविधान से हटा कर देश की एकता, अखण्डता और आरक्षण की व्यवस्था को खत्म करना चाहती है। इसी के तहत पिछले संसद सत्र के दौरान भाजपा के राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा ने राज्यसभा में संविधान की प्रस्तावना से समाजवाद शब्द को हटाने का प्रस्ताव दिया था। -शाहनवाज़ आलम
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि, हर ज़िले में अल्पसंख्यक कांग्रेस ने इंदिरा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और बस्तियों में बैठक कर संविधान चर्चा दिवस मनाया।
बता दें कि इससे पहले 2 जनवरी को कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग ने एक पत्र जारी कर कहा था कि, आरएसएस और बीजेपी आईन और उसके बुनियादी उसूलों के खिलाफ रही हैं और अब पूर्ण बहुमत में आने के बाद संविधान की प्रस्तवना में 42 वें संशोधन द्वारा जोड़े गये ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द को किसी तरह हटा देना ही उनका मकसद है।
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