कृषि कानूनों के विरोध में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नेता हनुमान बेनिवाल ने आज एनडीए छोड़ने का ऐलान कर दिया है. बेनीवाल ने कहा कि किसानों से बड़ा कोई नहीं है.
उन्होंने कहा, “मैं एनडीए छोड़ने का ऐलान करता हूं. पर कांग्रेस के साथ गठजोड़ नहीं करूंगा।”
आज एनडीए छोड़ने की घोषणा करने से पहले बेनीवाल सैकड़ों की संख्या में किसानों के साथ कोटपुतली पहुंचे हैं. उन्होंने दो लाख किसानों के साथ दिल्ली कूच करने का आह्वान किया था.
हनुमान बेनीवाल पहले ही किसान आंदोलन के समर्थन में संसद की तीन समितियों की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं. बेनीवाल ने संसद की उद्योग संबंधी स्थायी समिति, याचिका समिति तथा पेट्रोलियम व गैस मंत्रालय की परामर्श समिति से इस्तीफा दिया था. आरएलपी से पहले कृषि कानूनों के विरोध में अकाली दल भी एनडीए छोड़ चुकी है.
इधर सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हमारा प्रस्ताव यह है कि किसानों के प्रतिनिधियों और भारत सरकार के बीच अगली बैठक 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे आयोजित की जाए. साथ ही कृषि मंत्रालय के सचिव की ओर से भेजे गए पत्र के जवाब में मोर्चा ने कहा है कि अफसोस है कि इस चिठ्ठी में भी सरकार ने पिछली बैठकों के तथ्यों को छिपाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की है.
क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता दर्शन पाल ने बताया कि अब से पंजाब और हरियाणा के टोल प्लाजा हमेशा के लिए खुले (फ्री) रहेंगे और 30 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर पर ट्रैक्टर मार्च का आयोजन किया जाएगा.