जनपथ मने जनता का पथ। वह रास्ता जिस पर आम लोग चलते हैं। वह नहीं, जिस पर राजा और दरबारी चलें। अगर आप खुद को इस राह के हमराह समझते हैं और इस पथ पर चलने वालों के लिए कुछ लिखने की मंशा रखते हैं, तो अपना लिखा junputh@gmail.com पर भेजें।
लेख भेजने से पहले इन बातों का ध्यान रखें:
- जनपथ एक सामुदायिक मंच है लिखने वालों का, इसलिए यहाँ किसी लेख/विचार के प्रकाशन की कोई शर्त नहीं है सिवाय इसके कि उसमें आम आबादी का सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक पक्ष रेखांकित हो।
- जनपथ एक अपंजीकृत और अव्यावसायिक मुक्त मंच है जहां प्रकाशित लेख के बदले पारिश्रमिक का प्रावधान नहीं है।
- जनपथ पर लेख भेजे जाने से उसके प्रकाशन के बीच की अवधि तय नहीं है और जरूरी नहीं है कि लेख उसी दिन प्रकाशित हो जिस दिन प्राप्त हुआ हो।
- सभी लेखों के प्रकाशन के बाद उसकी लिंक लेखक को मेल द्वारा भेजी जाती है।
- लेखों पर जनपथ का कोई कॉपीराइट नहीं है, इसलिए लेखक चाहें तो उसे दूसरी जगहों पर भी प्रकाशित करवा सकते हैं। इसी तरह दूसरी जगहों पर प्रकाशित लेख भी यहाँ साभार दोबारा प्रकाशित किए जाते हैं।
- जनपथ पर आम तौर से साहित्यिक विधाओं में (कविता/कहानी/एकाँकी/नाटक) प्रकाशन नहीं होता, लेकिन प्रासंगिकता के आधार पर रचना को प्राथमिकता दी जा सकती है। यह संपादक मण्डल के विवेक के अधीन होगा।
- प्रथम पुरुष में लिखी जाने वाली सभी रचनाएं (संस्मरण, फीचर, निजी अनुभव आधारित विश्लेषण, यात्रा वृत्तान्त इत्यादि ब्लॉग नामक खंड में प्रकाशित की जाती हैं। वैचारिक लेख/ विश्लेषण आदि ओपेन स्पेस में प्रकाशित किए जाते हैं। समीक्षाएं रिव्यू के अंतर्गत प्रकाशित की जाती हैं। कॉलम नियमित साप्ताहिक/पाक्षिक स्तंभ के लिए आरक्षित है। लाउन्ज में गंभीर, सुदीर्घ और अकादमिक रचनाएं या रिपोर्टें प्रकाशित की जाती हैं। एडिटर्स चॉइस संपादक की पसंद का खंड है। वॉइसेस एक ऐसा खंड है जहां समुदायों के हित में काम करने वालों के बारे में सूचना, विज्ञप्ति, पहल, प्रयास, हस्तक्षेप आदि प्रकाशित किए जाते हैं।
- जनपथ पर सामग्री का प्रकाशन लेखों की प्राप्ति पर निर्भर है, संपादक मण्डल की कोई नियमित बाध्यता नहीं है।
- इस मंच का एकमात्र उद्देश्य जन पक्षधर लेखन करने वालों को एक वैकल्पिक मंच उपलब्ध करवाना है।
- जनपथ पर सामग्री का प्रकाशन/माडरेशन करने वाले संपादक मण्डल के सभी सदस्य अवैतनिक कार्य करने वाले स्वतंत्र लेखक हैं।