दिल्ली हाईकोर्ट ने IIMC का हॉस्टल खाली कराने संबंधी नोटिस पर लगायी रोक


9 जून, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने आईआईएमसी प्रशासन के उस नोटिस पर रोक लगा दी जिसमें छात्रों को 3 जून तक हॉस्टल खाली करने का निर्देश दिया गया था। यह फ़ैसला दिल्ली हाईकोर्ट के जज नवीन चावला ने याचिकाकर्ता अतुल कुमार आदि द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।

आईआईएमसी प्रशासन ने 26 मई को अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर एक साथ कई नोटिस जारी कर छात्रों को उस समय चौका दिया जब वे देशव्यापी लॉकडाउन और कोरोना महामारी जैसे संकट में उलझे हुए अपने मकानों में कैद थे। फ़ीस, ऑनलाइन प्लेसमेंट, ऑनलाइन परीक्षा और हॉस्टल खाली किए जाने से जुड़े ये नोटिस अलग-अलग ज़रूर थे लेकिन ये नोटिस एक साथ उन छात्रों को गंभीर रूप से प्रभावित करने वाले थे जो खासकर ग्रामीण और आम परिवेश से आते हैं।

याचिकाकर्ताओं की ओर से केस में नियुक्त वरिष्ठ अधिवक्ता अनुराग ओझा और मनीष कुमार ने दावा किया कि आईआईएमसी प्रशासन छात्रों के अधिकारों और उनके स्वास्थ्य के साथ कतई खिलवाड़ नहीं कर सकता।

आईआईएमसी में रेडियो एवं टेलीविजन पत्रकारिता कर रहे छात्र अनीस का कहना है कि “आईआईएमसी प्रशासन हमें ऐसे समय में हॉस्टल छोड़ने के लिए कह रहा है जब कोरोना वायरस महामारी से संक्रमित होने का ख़तरा सबसे अधिक बढ़ गया है। ऐसे समय में हम छात्र कहां रहेंगे ?”

बताते चलें आईआईएमसी प्रशासन ने कुछ दिनों पहले संस्थान के दो अन्य छात्रों ऋषिकेश और राहुल को उस समय गेट पर ज़बरन रोक दिया था जब वे अपने शैक्षणिक कार्यों को पूरा करने के लिए अपने हॉस्टल जाना चाहते थे। इस घटना पर छात्रों ने प्रशासन के इस कृत्य को निंदनीय करार दिया था।


छात्रों द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति


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9 Comments on “दिल्ली हाईकोर्ट ने IIMC का हॉस्टल खाली कराने संबंधी नोटिस पर लगायी रोक”

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