ज़मानत याचिका पर दिल्ली में सुनवाई से पहले ही नवलखा भेज दिये गये मुंबई जेल


बीते 14 अप्रैल से तिहाड़ में बंद पत्रकार गौतम नवलखा को आनन फानन में मुंबई ले जाये जाने की ख़बर है। उन्हें वहां की तलोजा जेल में रिमांड पर रखा गया है जहां कोरोना संक्रमण के चलते एक मौत हो चुकी है।

यह सूचना नवलखा के परिजनों की ओर से आयी है, जिन्हें मुंबई आकर उनसे मिलने देने सम्बंधी मंजूरी मुंबई की अदालत ने दी। इसके बाद नवलखा ने पूरी कहानी परिजनों को बतायी।

गौतम नवलखा का नाम भीमा कोरेगांव की हिंसा वाली एफआइआर में है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नवलखा ने 14 अप्रैल को एनआइए के समक्ष सरेंडर किया था। तब से वे दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे। उन्होंने अपनी उम्र और बीमारियों के चलते अंतरिम ज़मानत की याचिका यह कहते हुए दाखिल की थी कि जेल की भीड़भाड़ में उन्हें कोविड संक्रमण हो सकता है। एनआइए की हिरासत में वे जब जांच के लिए थे, उस वक्त सफदरजंग अस्पताल में एक चेकअप में उन्हें उच्च रक्तचाप की शिकायत सामने आयी थी।

उनकी ज़मानत याचिका का सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यह कहते हुए विरोध किया था कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही गिरफ्तारी से सुरक्षा की अवधि बढ़ाने को उन्हीं आधारों पर खारिज कर चुका है जिन आधारों पर उन्होंने ज़मानत याचिका लगायी है।

इसके बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने शनिवार 23 मई को एनआइए से उनकी याचिका पर प्रतिक्रिया मांगी थी और केस को 27 मई यानी बुधवार के लिए सूचीबद्ध किया था। शनिवार को नवलखा को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हाइकोर्ट जज के समक्ष पेश किया गया था। उनकी ज़मानत याचिका पर दिल्ली की हाइकोर्ट में सुनवाई कल होनी है।     

सुनवाई से पहले ही उन्हें ट्रेन में बैठाकर मुंबई भेज दिया गया। परिजनों के मुताबिक उन्हें अपने घर और वकील से संपर्क करने की भी मोहलत नहीं दी गयी। बताया जाता है कि उन्हें अपना सामान पैक करने के लिए पांच मिनट का वक्त दिया गया।    

दिलचस्प यह है कि इस मामले में एनआइए ने गौतम नवलखा की हिरासत 22 जून तक मांगी थी। ऐसे में उन्हें अचानक दिल्ली से मुंबई भेजने की कवायद से यह स्पष्ट होता है कि एनआइए किसी भी कीमत पर उनकी ज़मानत का जोखिम नहीं उठाना चाह रही थी।


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4 Comments on “ज़मानत याचिका पर दिल्ली में सुनवाई से पहले ही नवलखा भेज दिये गये मुंबई जेल”

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