रविवार सुबह से कांग्रेस पार्टी की 500 बसें उत्तर प्रदेश के मजदूरों को ले जाने के लिए राज्य के बॉर्डर पर खड़ी रहीं और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी लगातार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाती रहीं कि सीमा खाेली जाए और इन बसों से मजदूरों को घर वापस ले जाने की मंजूरी दी जाए, लेकिन मुख्यमंत्री टस से मस नहीं हुए। उन्होंने देर शाम साफ़ कर दिया कि वे कांग्रेस की बसों का इस्तेमाल नहीं होने देंगे क्योंकि सरकार इस काम में सक्षम है। ये बसें अब भी नोएडा और गाज़ियाबाद की सीमा पर खड़ी हैं।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने रविवार रात जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहाः
पूरा देश देख रहा है कि इस भयानक गर्मी में हमारे देश निर्माता मजदूर बहन-भाई बिना खाए पिए, पैदल अपने घरों की ओर चल रहे हैं। आए दिन दिल दहला देने वाली सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर 1000 बसों को चलाने की अनुमति मांगी लेकिन गरीब विरोधी भाजपा सरकार ने हमें अनुमति नहीं दी।
उन्होंने कहा है कि इस घटना से भाजपा का गरीब विरोधी चेहरा एक बार फिर से बेनकाब हुआ है। उन्होंने कहा कि भाजपा का चाल-चरित्र दोनों जनता के सामने स्पष्ट हो गया है। भाजपा गरीबों मजलूमों का मज़ाक बना रही है।
शनिवार को प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मजदूरों के लिए बसें चलाने की अनुमति मांगी थी। अजय कुमार लल्लू और विधायक दल नेता आराधना मिश्रा मोना के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचकर महासचिव का पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को दिया था।
पत्र में प्रियंका गांधी ने लिखा था कि पलायन करते हुए, बेसहारा प्रवासी श्रमिकों के प्रति कांग्रेस पार्टी अपनी ज़िम्मेदारी निभाने हुए 500 बसें गाज़ीपुर बार्डर गाज़ियाबाद और 500 बसें नोएडा बार्डर से चलाना चाहती है। इसका पूरा खर्चा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (AICC) वहन करेगी। महामारी से बचने के सब नियमों का पालन करते हुए प्रवासी श्रमिकों को मदद करने के लिए हम 1000 बसों को चलाने की आपसे अनुमति चाहते हैं। इस पत्र के करीब चौबीस घंटे बाद यूपी सरकार ने साफ़ तौर से बसें चलाने की मंजूरी देने से इनकार कर डाला।
कांग्रेस ने अपने खर्च से बसें चलाकर यूपी के मजदूरों को घर वापस लाने का फैसला औरैया में हुए हादसे के बाद किया जिसमें 26 मजदूर मारे गये थे। इस घटना पर प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर के लिखा थाः
विडंबना देखिये कि औरैया की घटना के बाद यूपी सरकार ने कुछ पुलिसवालों को यह कह कर निलंबित कर दिया कि उनकी लापरवाही की वजह से ही मजदूर सीमापार कर के निकल पाए, लेकिन मजदूरों को वापस लाने की योजना पर मुहर नहीं लगायी। आगरा के फतेहपुर सीकरी और मथुरा के कोसी कलां के एसएचओ को शासन ने सस्पेंड कर दिया। इसके अलावा ग़ाज़ियाबाद के इंदिरापुरम एसएचओ के निलंबन की भी सूचना है, हालांकि इसकी पुष्टि अभी नहीं हो सकी है। औरैया हादसे के बाद पकड़ी गयी एक गाड़ी में इंदिरापुरम के मकनपुर गांव में रहने वाले यूपी के कुछ मजदूरों के होने की ख़बर थी।
Galat news bata rhe hai sale..