किसान आंदोलन: सिंघू बॉर्डर पर बनेगा शहीदों का स्मारक, कर्नाटक से आ रही है मिट्टी


संयुक्त किसान मोर्चा प्रेस नोट
112वां दिन, 17 मार्च 2021

किसान आंदोलन की आगे की रणनीति व 26 के भारत बंद को सफल बनाने के लिए सिंघू बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आयोजित एक बैठक में कई अलग-अलग प्रगतिशील संगठनों ने भाग लिया। संगठित और असंगठित क्षेत्रों के ट्रेड यूनियनों, व्यापारियों और आढ़तिया संघों, श्रमिक यूनियनों सहित कृषि यूनियनों, ट्रांसपोर्टर संघों, शिक्षक संघों, युवाओं और छात्र संघों और अन्य लोगों ने बैठक में हिस्सा लिया। सभी संगठनों ने इस आंदोलन को तेज करने में लोगों को जोड़ने और दिल्ली के आसपास के धरना स्थलों में शामिल होने में हरसंभव सहयोग की अपील की।

संयुक्त किसान मोर्चा ने संज्ञान में लिया कि धरनास्थलों के आसपास अधिक बैरिकेडिंग की जा रही है। हम दिल्ली पुलिस के इस गैरकानूनी और तर्कहीन कार्य की निंदा करते है। एसकेएम मांग करता है कि पुलिस आंतरिक सड़कों सहित ऐसे बैरिकेडिंग को हटाए ताकि स्थानीय लोगों के जीवन को आसान रखा जा सके और उनकी आजीविका की रक्षा की जा सके।

शहीद यादगार किसान मजदूर पदयात्रा 18 से 23 मार्च तक आयोजित की जाएगी। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहीद दिवस के उपलक्ष्य में हरियाणा, यू.पी व पंजाब से किसान मजदूर पदयात्राओं के आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं। एक पदयात्रा 18 मार्च को लाल सड़क हांसी, हिसार हरियाणा से शुरू होकर 23 मार्च को टीकरी बार्डर पहुंचेगी; दूसरी पंजाब के खटकड़ कलां से शुरू हो कर पानीपत आएगी और हरियाणा के जत्थे से मिलकर पैदल 23 मार्च को सिंघू बार्डर पहुंचेगी; तीसरी मथुरा से शुरू होकर पलवल पड़ाव पर पहुंचेगी।

कर्नाटक में 400 किलोमीटर की पदयात्रा तय मार्ग के साथ गांवों में भारी भागीदारी के साथ आगे बढ़ रही है। 23 मार्च को बेलारी में यात्रा पूरी करने के बाद, 6 अप्रैल को कर्नाटक के गांवों की इकट्ठा की जा रही मिट्टी को सिंघु बोर्डर पर लाया जाएगा। यहां आंदोलन के शहीदों के लिए स्मारक बनाने की योजना बनाई जा रही है।

डॉ. दर्शन पाल
सयुंक्त किसान मोर्चा


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