उत्तर बंगाल: श्रमजीवी अधिकार यात्रा में नये श्रम और कृषि कानूनों के खिलाफ सरकार को चेतावनी

सरकार ने 44 श्रम कानूनों को उद्योगपति और पूंजीपतियों को फायदा पहुँचाने के लिए ख़त्म कर दिया। जिससे कि मजदूरों का भरपूर शोषण होगा और वे मौत के मुहाने पर पहुंच जायेंगे। उनके सभी अधिकारों को इस सरकार ने निर्ममता से कुचलने का काम किया है। अब किसान विरोधी कृषि कानून लाकर उन्हें भी सड़क पर ला दिया है।

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न्यूनतम मजदूरी के मुद्दे पर उत्तरी बंगाल के चाय बागानों में शुरू हुआ केंद्र सरकार के खिलाफ अभियान

मौजूदा स्थिति में मजदूरों को 580 रुपये की न्यूनतम मजदूरी मिलनी चाहिए लेकिन भाजपा सरकार ने राष्ट्रीय स्तर की न्यूनतम मजदूरी दर को 178 रुपये कर दिया है। दूसरी ओर इसी पार्टी के दार्जीलिंग सांसद राजू बिष्ट 380 रुपये की न्यूनतम मजदूरी की बात कर के मजदूरों के बीच झूठा प्रचार कर रहे हैं।

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