गाहे-बगाहे: या इलाही ये मुहल्ला क्या है!
उत्तर भारत का यह खास धार्मिक परिदृश्य है और हजारों की संख्या में ऐसे ही मंदिरों से ऐसे ही भजन प्रतिदिन छह-आठ घंटे बजाये जाते हैं। जबरन। और कोई भी ऐतराज करे तो दंगा करने के लिए तैयार बैठे धर्मप्राण।
Read MoreJunputh
उत्तर भारत का यह खास धार्मिक परिदृश्य है और हजारों की संख्या में ऐसे ही मंदिरों से ऐसे ही भजन प्रतिदिन छह-आठ घंटे बजाये जाते हैं। जबरन। और कोई भी ऐतराज करे तो दंगा करने के लिए तैयार बैठे धर्मप्राण।
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17 सितंबर को बहुजन नायक ई.वी.रामासामी पेरियार का जन्मदिन है. वे वर्चस्व, अन्याय व शोषण के तमाम रूपों के खिलाफ थे. ब्राह्मणवादी वर्ण-जाति व्यवस्था, पितृसत्ता और पूंजी के शोषण से आजाद आधुनिक समाज व राष्ट्र के निर्माण के उनके क्रांतिकारी विचार और जुझारू संघर्ष की उनकी विरासत आज ब्राह्मणवाद व पूंजीवाद के गठजोड़ के तीखे हमले के दौर में बेहद जरूरी हो गये हैं.
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