तन मन जन: लाकडाउन का एक साल और निराशा के कगार पर खड़ी 130 करोड़ की आबादी

स्कूल बंद हैं। यातायात बाधित है। व्यापार लगभग ठप है। युवा तनाव में है। लोगों के आपसी रिश्ते दरक रहे हैं। पुलिस और प्रशासन की निरंकुशता ज्यादा देखी जा रही है। लोगों की ऐसी अनेक आशंकाओं को यदि ठीक से सम्बोधित नहीं किया गया तो 130 करोड़ की आबादी में जो निराशा फैलेगी उसका इलाज इतना आसान नहीं होगा।

Read More

वुहान के लॉकडाउन की पहली बरसी: आज ही के दिन बदल गयी थी COVID को ले कर हमारी सोच

यह महत्वपूर्ण है कि हम कोविड 19 से सबक सीखें और साथ ही आगे के वर्ष में उन चुनौतियों का समाधान करने की ओर आगे बढ़ें।

Read More

COVID-19 लॉकडाउन के कारण 2020 में कार्बन डाइआक्साइड के उत्सर्जन में 7% की रिकॉर्ड कमी

एक्सेटर विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर पियरे फ्राइडलिंगस्टीन ने कहा -“हालांकि वैश्विक उत्सर्जन पिछले साल इतना अधिक नहीं था पर अभी भी लगभग 39 बिलियन टन CO2 की मात्रा में है ।जबकि वातावरण में CO2 में और वृद्धि हुई है वायुमंडल में CO2 स्तर और परिणाम स्वरूप विश्व की जलवायु केवल तभी स्थिर होगी जब वैश्विक CO2 उत्सर्जन जीरो के आस पास होगा।

Read More

पूरी दुनिया को लॉकडाउन करने के बावजूद रिकॉर्ड स्तर पर कायम है ग्रीनहाउस उत्सर्जन: WMO

लॉकडाउन ने कार्बन डाइऑक्साइड जैसे कई प्रदूषकों के उत्सर्जन में तो कटौती की, लेकिन CO2 सांद्रता पर उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। डब्लूएमओ ग्रीनहाउस गैस बुलेटिन के अनुसार, कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर में 2019 में तो वृद्धि बनी ही रही, वो वृद्धि 2020 में भी जारी है।

Read More

बीते 15 साल में दफ़न तीन डिसमिल ज़मीन का एजेंडा क्या ज़िंदा कर पाएगा बिहार का नया नेतृत्व?

यहां लंबे समय से काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि 1950 के बाद यहां कोई लैंड सर्वे नहीं हुआ। कुछ जानकार यह भी बताते हैं कि अगर व्यापक जांच पड़ताल की जाए तो पूरा बिहार बहुत बड़े ज़मीन घोटाले का गढ़ साबित होगा।

Read More

बहुजन समाज के आईने में COVID-19 से बनती दुनिया और कार्यभारों का एक अध्ययन

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और विश्व असमानता डेटाबेस, पेरिस के सह-निदेशक थॉमस पिकेटी का अनुमान है कि 2020 की यह कोविड-19 महामारी दुनिया के अनेक देशों में बड़े परिवर्तनों का वाहक बनेगी। मुक्त-व्यापार और बाजार की गतिविधियों पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगाये जाने संबंधी विमर्श को चुनौती मिलेगी और इनकी गतिविधियों में हस्तक्षेप करने की मांग समाज से उठेगी।

Read More

भारत में बेरोजगारी के दैत्य का आकार और सरकार

उदारीकरण के बाद के चरण में उत्पादन वृद्धि का रिश्ता रोजगार वृद्धि के साथ तेजी से इसलिए खत्म होता गया है क्योंकि मशीनीकरण की वजह से उत्पादन जहां प्रति नियोजित श्रमिक बढ़ता गया, वहीँ इस किस्म के औद्योगीकरण के तहत संगठित उद्योग में श्रमिकों को खपाने के लिए सृजित किये गये कुल रोजगार की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों की आजीविका अधिक मात्रा में नष्ट होती गयी है।

Read More

लोग अपना पेट काटकर मिटा रहे हैं बच्‍चों की भूख, कहां गया 68% बच्‍चों के मिड-डे मील का पैसा?

जून में अनलॉक के बाद मोबाइलवाणी ने राशन कार्ड के संबंध में सर्वे किया, जिसमें 637 लोगों ने अपनी बात मोबाइलवाणी पर रिकॉर्ड की और उनमें से 77 फीसदी राशन कार्ड धारकों ने बताया कि उन्हें राशन नहीं मिला और बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों से पोषण आहार।

Read More

नागरिक स्‍वतंत्रता पर लॉकडाउन: COVID-19 के दौर में समाचार मीडिया पर PUCL की रिपोर्ट

लॉकडाउन के दौर में समाचार मीडिया की स्थिति पर अपनी 36 पन्‍ने की रिपोर्ट में पीयूसीएल ने पत्रकारों की छंटनी, वेतन कटौती से लेकर उनके ऊपर हुए मुकदमों का एक संक्षिप्‍त खाका प्रस्‍तुत किया है।

Read More

देश भर के वैज्ञानिकों ने की व्‍यापक लॉकडाउन को समाप्‍त करने की मांग

अपने मांगपत्र में वैज्ञानिकों ने लंबी और छोटी दूरी के लिए सार्वजनिक परिवहन व्‍यवस्‍था बहाल करने और जिलों व राज्‍यों में यात्रा करने के लिए पास की ज़रूरत को समाप्‍त करने की मांग उठायी है।

Read More