सम्मान केवल निजी उपलब्धि नहीं, हाशिये के लिए संघर्ष का प्रमाण है: एक आत्मस्वीकृति

इस समय, जब व्यक्तिगत और पेशेवर मोर्चे पर चुनौतियां हमारे सामने खड़ी हैं, यह सम्मान हमारे लिए आशा और हिम्मत का प्रतीक बनकर आया है। यह हमें विपरीत परिस्थितियों का सामना करने और हर बाधा के खिलाफ मजबूती से खड़े रहने की प्रेरणा दे रहा है।

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रूस के राष्ट्रपति पुतिन को युद्ध के खिलाफ बनारस से एक खुला पत्र

1987 में आयी एक पुस्‍तक ‘गांधी ऑन वॉर एंड पीस’ में लेखक कहते हैं कि ‘’गांधी की दृष्टि में जंग समकालीन जगत की सबसे महत्‍वपूर्ण समस्‍या है।‘’ गांधी ‘’सही’’ और ‘’गलत’’ युद्ध के बीच भेद नहीं करते थे- उनकी नजर में हर जंग खराब और अन्‍यायपूर्ण थी। उनका दृढ़ मत था कि ‘’कुछ भी स्‍थायी हासिल करने के लिए युद्ध नैतिक रूप से वैध साधन नहीं हो सकता।‘’

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असमानता-अन्याय के खिलाफ दुनिया भर में पुरस्कृत 10 शख्सियतों में भारत से बनारस के डॉक्टर लेनिन

ग्लोबल सेंटर फॉर प्लुरलिज़्म को 2021 ग्लोबल प्लुरलिज़्म अवार्ड के लिए 70 देशों से 500 नामांकन प्राप्त हुए थे। नामांकित व्यक्ति कठोर समीक्षा प्रक्रिया से गुजरते हैं और बहुलवाद से संबंधित अनुशासनों की स्वतंत्र विशेषज्ञों की अंतरराष्ट्रीय जूरी द्वारा चुने जाते हैं।

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अन्याय और असमानता के खिलाफ बहुलतावादी संस्कृति के 10 वैश्विक पहरेदारों में काशी के डॉ. लेनिन

ग्लोबल सेंटर फॉर प्लुरलिज़्म को 2021 ग्लोबल प्लुरलिज़्म अवार्ड के लिए 70 देशों से 500 नामांकन प्राप्त हुए थे। नामांकित व्यक्ति कठोर समीक्षा प्रक्रिया से गुजरते हैं और बहुलवाद से संबंधित अनुशासनों की स्वतंत्र विशेषज्ञों की अंतरराष्ट्रीय जूरी द्वारा चुने जाते हैं।

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अक्टूबर क्रांति और लेनिन की प्रासंगिकता

लेनिन की समाजवाद की अवधारणा दीर्घावधि की सोच पर आधारित रही जो वर्तमान की सच्चाइयों के साथ व्यावहारिक तालमेल पर आधारित थी। इसमें किसानों के प्रति संवेदना और तानाशाही शासन तंत्र की खामियों को दूर करना शामिल था।

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विफल राज्य, मजदूरों के पलायन और तबाही के बीच 150 साल के लेनिन को याद करने के संदर्भ

लेनिन को याद करने का अर्थ सिर्फ मजदूर क्रांति के सपने को साकार करना नहीं है। अपने समाज को समझने का रास्ता भी है। राज्य की प्रकृति समझना है तो लेनिन को जरूर पढ़िए।

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काश, कोई मजदूर अनुवादक होता तो तुम अभागे न होते, मेरे मजदूर साथियों!

क्या तुम्हें लेनिन के बारे में पता है? मुझे पता है। उनके संकलित कार्य 40 अंकों में प्रकाशित हुए हैं, एक का मूल्य 2,000 रुपए है। क्या कभी उनको, अपने भाग्यविधाता को पढ़ पाओगे? इसलिए अभागे हो तुम।

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