बात बोलेगी: फिर इस मज़ाक को जम्हूरियत का नाम दिया…
जनता अब जम्हूरियत की चाभी नहीं, उसकी चेरी है। और हम जनता की तरफ से जनता के लिए जनता द्वारा चुनी गयी इस भूमिका को जम्हूरियत बतलाते हुए इसे इसके पुराने वैभव में लौटाने के लिए इसे बचाने पर आमादा हैं।
Read More