सामाजिक एकता का खात्मा डेमोक्रेसी को चैलेंज है: प्रोफेसर मलिक
प्रो. मलिक ने इस बात पर अफसोस जताया कि अपने शहर में नजीर अब बेगाने हो गये हैं। जिस बनारस की परम्पराओं को लेकर उन्होंने ढेर सारे शेर लिखे उस बनारस का उन्हें भूलना दुखद है।
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प्रो. मलिक ने इस बात पर अफसोस जताया कि अपने शहर में नजीर अब बेगाने हो गये हैं। जिस बनारस की परम्पराओं को लेकर उन्होंने ढेर सारे शेर लिखे उस बनारस का उन्हें भूलना दुखद है।
Read Moreवरिष्ठ पत्रकार ए के लारी ने कहा कि सदियों से भारतीय समाज मेल-जोल से रहने का हामी रहा है। हमने पूरी दुनिया को सिखाया है कि विभिन्नता हमारी कमजोरी नहीं बल्कि ताकत है। आज दुनिया भर में पत्रकारिता के आयाम बदले हैं, हमारा मुल्क भी उससे प्रभावित हुआ है। बावजूद इसके यह सोच लेना कि सभी पत्रकार सरकार की सोच के साथ हैं ठीक नहीं है।
Read Moreइस यात्रा से पहले बनारस से पहली बार स्वास्थ्य का अधिकार बनाए जाने की मांग उठी थी और उसके समर्थन में एक हस्ताक्षर अभियान चलाया गया था।
Read Moreऑक्सीजन का संकट आज भी सरकारी चिकित्सा केंद्रों में कम नहीं हुआ है, बरकरार है। इस संकट से स्वयंसेवी संस्थाएं जिस तरह निपट रही हैं, वह अपने आप में एक मिसाल है और ऑक्सीजन से हुई मौतों पर सरकारी जवाब की पोल खोलने वाला है।
Read Moreकोई कहता है कि बनारस विकास कर रहा है, तो मैं दावे से कहता हूं कि वह बनारस को नहीं जानता है। बनारस के ऐतिहासिक प्रतीकों को आज संरक्षण की जरूरत है, लेकिन धार्मिक नगरी का सर्टिफिकेट देकर इसके ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व को हमेशा कमतर किया जाता रहा है। बीते तीन-चार साल में बाकायदे इन प्रतीकों का विध्वंस हुआ है विकास के नाम पर।
Read Moreजब सरकारी अस्पतालों और बड़े अस्पतालों में बेड और आक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ था उस समय दूरदराज के गाँवों में चिकित्सकजन ने बड़े ही जिम्मेदारी से पीड़ित और संक्रमित लोगों को चिकित्सा सुलभ करायी। इन चिकित्सकों के पास प्रायः बड़ी डिग्री नहीं होती लेकिन इनका विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज करने का अनुभव कहीं बहुत ज्यादा है और यही कारण था कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान इन चिकित्सकों ने ग्रामीण क्षेत्र में हजारों लोगों की जान बचायी।
Read Moreवरिष्ठ समाजवादी चिंतक डॉ. आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में सेवा कर रहे निजी चिकित्सकों ने महामारी के दौर में मानवता की सेवा की मिसाल कायम की है, उन्हें प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता है।
Read Moreभारत का संविधान मानवीय गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार देता है उसमें भी मोक्ष का अधिकार देने की हैसियत नहीं है या उसने इसके बारे में कुछ नहीं सोचा किया। क्या प्रेरणादायी नरेन्द्र मोदी देश के संविधान में छूट गये अधिकारों का सृजन अपने नागरिकों के लिए कर रहे हैं?
Read Moreअपनी प्रतिभा के बल पर गांवों और घर की चहारदीवारी से बाहर निकलने वाली वंचित और गरीब महिलाओं और उनके परिवार की हालत में आज भी कुछ ज्यादा सुधार नहीं हुआ है और ना ही हो रहा है। 36वें नेशनल जूनियर एथलिट्स चैंपियनशिप में 10000 मीटर रेस वॉक के अंडर-20 महिला वर्ग में नेशनल रिकॉर्ड बनाने वाली मुनीता प्रजापति और उनके परिवार की हालत भी कुछ ऐसी ही है।
Read Moreसाथ ही किसान और मजदूर नेताओं ने तय किया कि पूर्वी इकाई के गठन के बाद संयुक्त किसान मोर्चा उत्तर प्रदेश के चुनावों में ऐसे प्रत्याशियों को वोट नहीं देने के लिए अभियान चलाएगा जो किसान विरोधी कानूनों के पक्षधर हैं।
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