कम मजदूरी और स्वास्थ्य जोखिमों के बीच झूलते बीड़ी श्रमिक

बीड़ी बनाने का काम आमतौर पर पिछड़े क्षेत्रों के गरीब परिवार करते हैं. यानि जहां स्थाई रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे मामले में लगभग हर राज्य के पिछड़े जिले शामिल हैं. बीड़ी बनाने का काम करने वालों में महिलाओं की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है. सही मायनों में कहें तो इस उद्योग की नींव ही महिला मजदूर हैं.

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तन मन जन: महामारी से भी बड़ी बीमारी है लॉकडाउन से उपजी गरीबी

कोरोनाकाल में सामूहिक तौर पर भारत के आम लोगों की स्थिति इसी मरणासन्न मरीज की तरह हो गई है जिसे अपनी जिन्दगी भी बचानी है। सवाल अस्तित्व का है। संकट विकट है।

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तन मन जन: साल दर साल विकास लक्ष्यों का शतरंजी खेल और खोखले वादे

विश्व स्वास्थ्य संगठन का वादा था- सन् 2000 तक सबको स्वास्थ्य, लेकिन स्थिति नहीं बदली। फिर सहस्राब्दि (मिलेनियम) विकास लक्ष्य 2015 तय हुआ। वह भी हवा-हवाई हो गया। अब टिकाऊ (सस्टेनेबल) विकास लक्ष्य 2030 तय हुआ है। समझा जा सकता है कि “जब रात है ऐसी मतवाली फिर सुबह का आलम क्या होगा”।

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