
इलाहाबाद हाईकोर्ट से हाल में आए एक फैसले पर महिला संगठनों का CJI को खुला पत्र
दशकों से लैंगिक न्यायशास्त्र विकसित करने में न्यायविदों, महिलाओं और महिला संगठनों द्वारा की गई प्रगति को यह फैसला अदृश्य बना देता है
Read MoreJunputh
दशकों से लैंगिक न्यायशास्त्र विकसित करने में न्यायविदों, महिलाओं और महिला संगठनों द्वारा की गई प्रगति को यह फैसला अदृश्य बना देता है
Read Moreदिल्ली में पुलिस मुख्यालय के सामने 31 जनवरी को हुए पत्रकारों के विशाल विरोध प्रदर्शन के बाद अगला विरोध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसदीय सीट बनारस पर आज आयोजित किया गया है। काशी पत्रकार संघ ने पत्रकारों के मुद्दे पर आज एक दिन के उपवास की घोषणा की है और एक संयुक्त संघर्ष समिति के गठन का फैसला लिया है।
Read Moreभारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रिश्तों की ऐतिहासिकता को बताते हुए इस पत्र में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से हुए मानवाधिकार उल्लंघनों को गिनवाया गया है। इस संदर्भ में पत्र सोनाली शाह और अमित जानी जैसे व्यक्तियों के नाम गिनवाता है जिन्होंने हिंदू संगठनों के पक्ष में बयान दिए और वे डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य हैं।
Read Moreआखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने सरकार की ओर से आये पत्र को दोहरेपन की संज्ञा दी है। समिति का कहना है कि सरकार ने पत्र में अस्पष्ट भाषा का जिस तरह से प्रयोग किया है उससे ऐसा लगता है कि वह किसानों के मुद्दे पर बात करने से कतरा रही है।
Read Moreकिसान संगठनों ने संयुक्त सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, विवेक अग्रवाल को भेजे पत्र में सबसे पहले तो कहा है कि सरकार किसानों की मांगों को लेकर गलतबयानी न करे और सरकारी तंत्र का इस्तेमाल कर के किसानों के खिलाफ दुष्प्रचार बंद करे।
Read Moreकेंद्र सरकार ने बीते 20 दिसम्बर को किसान संगठनों को पत्र भेज कर किसान नेताओं से मिलने की तारीख के लिए सुझाव मांगे थे। पत्र में कहा गया था कि सरकार किसानों की आशंकाओं पर चर्चा करने के लिए तैयार है।
Read Moreपत्र में सरकार ने किसान नेताओं से मिलने की तारीख के लिए सुझाव मांगे हैं. पत्र में कहा गया है कि सरकार किसानों की आशंकाओं पर चर्चा करने के लिए तैयार है.
Read Moreकाश, आपने इसमें संवेदना के दो शब्द भारत के उन 30 इंसानों के बारे में लिखे होते जो 26 नवम्बर से आपकी सरकार के द्वारा दिल्ली की बॉर्डर्स पर अनावश्यक रूप से रोककर रखे जाने के चलते असमय ही काल के ग्रास बन गए।
Read Moreउन्होंने किसानों की समस्याओं पर पत्र में लिखा है कि किसानों की गेहूं की फसल की कटाई का समय चल रहा है। किसान बुरी तरह से परेशान हैं कि कटाई कैसे होगी। प्रदेश में कम्बाइन मशीनों से कटाई की इजाजत भी दे दी है परंतु अभी तक कम्बाइन मशीनों के मालिक प्रशासन से भयभीत हैं। ज्यादातर इन मशीनों के चालक दूसरे प्रदेशों से आते हैं। उनके आने की व्यवस्था की जाए। सही सूचना के अभाव में और जुर्माने के डर से किसान रात-बिरात गेहूं काट रहे हैं।
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