केंद्र सरकार ने किसान संगठनों को पत्र भेजकर 30 दिसंबर को दिन में दो बजे दिल्ली के विज्ञान भवन में बातचीत के लिए बुलाया है। किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार के न्योते पर 29 दिसंबर की तारीख प्रस्तावित की थी। सरकार ने एक दिन बाद का समय क्यों चुना, इस बारे में क़यास लगाये जा रहे हैं।
आखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने सरकार की ओर से आये पत्र को दोहरेपन की संज्ञा दी है। समिति का कहना है कि सरकार ने पत्र में अस्पष्ट भाषा का जिस तरह से प्रयोग किया है उससे ऐसा लगता है कि वह किसानों के मुद्दे पर बात करने से कतरा रही है।
समिति ने अपने नियमित बुलेटिन में सरकार के भेजे इस पत्र की आलोचना करते हुए 30 दिसंबर की ट्रैक्टर रैली के यथावत रहने की बात कही है।