जब देश संविधान दिवस मनाने में व्यस्त था, एक दलित की हत्या कर दी गई…

कल ही भारत में संविधान दिवस मनाया गया। लोग अखबारों में लेख लिख रहे थे- हिंदी, अंग्रेजी और अन्य भारतीय भाषाओं में। भारत की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के प्रमुख संविधान की प्रति अपनी चुनावी रैलियों में लहराते हुए बताते हैं कि देश का संविधान खतरे में है! प्रधानमंत्री चुनावी रैलियों में बड़े ही नाटकीय अंदाज में कहते हैं कि “मैं बाबा साहब के संविधान को आंच नहीं आने दूंगा।”

Read More

भारतीय संविधान : हाशिये के समाज का मैग्नाकार्टा

आज के समय में हाशिये के समाज में तमाम सामाजिक विद्रूपताएं व समस्याएं दिखाई देती हैं। इसका कारण यह भी है कि संविधान द्वारा मिला हुआ कानूनी प्रावधान इन्हें उचित तरीके से नहीं मिल सका है जिसके वह वास्तव में हकदार थे।

Read More

संविधान दिवस पर संकल्प- लोकतंत्र की आत्मा संविधान को लोक हित में लोक के लिए बचाये रखना होगा

आज की सबसे बड़ी जरूरत है कि आपसी नफरत को खत्म कर सद्भाव कायम किया जाए। मंच इस क्षेत्र में लगातार काम कर रहा है। हमारा देश साझी विरासत और विविधता का है। हमें गुरु गोरखनाथ, बुद्ध, कबीर, रैदास, नानक, गांधी, अंबेडकर और नेहरू के विचारों को आधार बनाकर समाज निर्माण करने की पहल करनी चाहिए।

Read More

तस्वीरों में संविधान दिवस 2021: संवैधानिक मूल्यों की बहाली के लिए देश भर में लोगों ने ली शपथ

पूरब में उत्‍तर प्रदेश से लेकर ओडिशा वाया बिहार, झारखंड और पश्चिम में गुजरात तक संवैधानिक मूल्‍यों पर अलग-अलग स्‍तरों पर परिचर्चाओं का आयोजन किया और आम लोगों के बीच इन मूल्‍यों के शिक्षण की पहल की गयी। इतने व्यापक स्तर पर संविधान के प्रति जागरूकता कार्यक्रमों का होना अपने आप में अभूतपूर्व है।

Read More

सामाजिक एकता का खात्मा डेमोक्रेसी को चैलेंज है: प्रोफेसर मलिक

प्रो. मलिक ने इस बात पर अफसोस जताया कि अपने शहर में नजीर अब बेगाने हो गये हैं। जिस बनारस की परम्पराओं को लेकर उन्होंने ढेर सारे शेर लिखे उस बनारस का उन्हें भूलना दुखद है।

Read More

बनारस: सभी धर्मों के प्रतिनिधियों ने संविधान की रक्षा में लिया ‘करो या मरो’ का संकल्प!

हिन्दू, सिख, मुस्लिम, क्रिश्चियन और बौद्ध धर्मों के प्रतिनिधि के रूप में कबीर मूलगादी मठ कबीरचौरा के भाई डॉक्टर भागीरथ दास, हरहुआ ध्यानाश्रम के आचार्य फादर बेनेडिक्ट, हाजी सैयद फरमान हैदर करबलाई, एडवोकेट सरदार गुरिंदर सिंह, डॉ. नीति भाई आदि ने भारत के पवित्र संविधान के अनुसार व्यक्तिगत, सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक जीवन बिताने की आवश्यकता पर बल दिया।

Read More

न्याय, स्वतंत्रता, समता: संविधान दिवस पर यातना और हिंसा पीड़ितों का एक सम्मान समारोह

आज के ही दिन औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया गया था, जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। डॉ. बी. आर. आंबेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान बनाने में 2 वर्ष, 11 महीना और 18 दिन का समय लगा।

Read More