बात बोलेगी: तीन करोड़ की शपथ और अगले बुलडोजर का इंतज़ार

कल पंजाब की पूरी आबादी ने शपथ ली है, यह बात पूरे देश को एक साथ बतलायी गयी। ऐसा कौन सा लीडिंग अखबार नहीं है जिसके प्रथम पृष्ठ पर पूरे पेज का विज्ञापन न छपा हो और वो भी बेनामी। यह गोपनीयता की पारदर्शिता है जो लोकतंत्र के नये प्रतिमान रच रही है।

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तिर्यक आसन: गाँधी टोपी के साथ मेरे भौतिक द्वन्द्ववादी प्रयोग

गुस्से की भी पॉलिटिक्स होती है। अपने से कमजोर पर ही निकलता है। बॉस पर कभी नहीं निकलता। इस पॉलिटिक्स के अनुसार सत्य जी अपना गुस्सा मुझ पर नहीं निकाल सके। वे जानते हैं, इसकी क्रिया के विरुद्ध प्रतिक्रिया की, तो ये आलोचना की समालोचना कर देगा। वो भी एक्स्ट्रा 2एबी के साथ।

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बात बोलेगी: सूचनाओं के प्रवाह में जवाब देने की मजबूरी

अजीब सी मुश्किल है। न बोलें तो चैन कहाँ और बोले तो बेचैन। चुप्प रहें तो कायरता, जो बोल दिये तो सौ इल्ज़ाम। खामोश रहे तो सौ तोहमतें, कह डाला तो जान और सम्मान को खतरा। न कहा तो अपने होने पर ही शक-शुबहा। अजीब हालात होते जा रहे हैं।

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बात बोलेगी: चुनाव लोकतंत्र में आपातकाल है या आपातकाल में लोकतंत्र?

आचार संहिता असल में एक चलती हुई दुनिया को थाम देने का बटन है जिसे दबाकर चुनाव के लिए भीड़भाड़ भरे रास्ते को खाली करा दिया जाता हो जैसे। केवल अब उस रास्ते से चुनाव ही निकलेगा और कुछ नहीं।

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पंचतत्व: फ्लावर नहीं, फायर है मैं!

गोभी विदेशी है और हमारी सब्जियों की सूची में महज डेढ़ सौ साल पुराना है। इसको खेतों में उगाने की शुरुआत भूमध्यसागरीय इलाके में हुई थी। यह बात भी बहुत ज्यादा नहीं कोई डेढ़ हजार साल पुरानी है जब साइप्रस टापू पर गोभी को खेतों (और बाड़ियों) में उगाने की शुरुआत हुई थी। साइप्रस से यह सीरिया, तुर्की, मिस्र, इटली, स्पेन और पश्चिमोत्तर यूरोप में फैल गया।

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बात बोलेगी: मेरे तक आवाज़ आ रही है? आप लोग रोना बंद कीजिए…

यह बजट पीछे से चली आ रही परंपरा से अलग है। पहले तो यह बात मन में बैठा लेनी चाहिए। अगर यह बारीक लेकिन बुनियादी बात आप भूल गए तो इसका एसेंस नहीं पकड़ पाइएगा और फिर वही दो कौड़ी की चिंताओं में परेशान रहिएगा।

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पंचतत्व: 5G की तकनीक पीछे जाने का पुल खत्म कर देगी!

वैज्ञानिक अध्ययनों में साबित किया जा चुका है कि मानव निर्मित ईएमएफ के कारण जीवों पर प्रतिकूल जैविक प्रभाव पड़ते हैं। पिछले दशकों में तैनात वायरलेस तकनीकों ने हमारे पर्यावरण में ईएमएफ के स्तर को लगातार बढ़ाया है।

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संक्रमण काल: साहित्य का नया रास्ता

वर्चुअल दुनिया से संबंधित इन कविताओं और अक्कड़-बक्कड़ जैसे पॉडकास्टों व साहित्य और तकनीक के सम्मिश्रण के लिए जारी अनेकानेक कोशिशों से गुजरते हुए आशा बनती है कि पुराने मिजाज का हिंदी साहित्य भी देर-सबेर साहित्य के नए रास्तों को स्वीकार करेगा।

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पंचतत्वः तुझको मिर्ची लगी तो मैं क्या करूं!

वास्को डि गामा के हिंदुस्तान की धरती पर पैर रखने के महज 30 साल के भीतर पश्चिमी तट मिर्ची उगाया जाने लगा था और बाद में इस मिर्च को गोवाई मिर्ची कहा गया।
गोवा से वह दक्षिण भारत में फैल गया।

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बात बोलेगी: फिर आया लोकतंत्र के कर्मकांड का मौसम…

पहले जब राज्यों में चुनाव हुआ करते थे तो राज्य सरकारों की ही शक्तियां चुनाव आयोग को हस्तांतरित हुआ करती थीं। इधर कुछ वर्षों में, विशेष रूप से जब से भारतीय जनता पार्टी मौज में आयी है, तब से चुनाव भले ही घाना या नाइजर या टोगो में हों लेकिन सबसे पहले स्थगित होती है केंद्र की सरकार।

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