तिर्यक आसन: आत्मा से ब्रह्म तक पसरा श्रेष्ठता का भूत
आधुनिक कथाओं में मानवताविरोधियों को चकमा देने वाले पात्रों की संख्या अत्यधिक है, जो अपने प्राण और आत्मा को शरीर से बाहर रखते हैं। आधुनिक दौर के ऐसे पात्र रियल स्टेट, फिल्म निर्माण, मीडिया इंडस्ट्री, धर्म आदि नामक गुल्लक में धन नामक अपने प्राण को सुरक्षित रखते हैं। गुल्लक में प्राण सुरक्षित रखने के बाद चिंता हुई, आत्मा कहाँ छुपाकर रखी जाए।
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