कॉर्पोरेट लूट, दमन और विस्थापन के खिलाफ जनसंघर्षों का सम्मेलन नौ प्रस्तावों के साथ सम्पन्न

रायपुर के पेस्टोरल सेंटर में भूमि अधिकार आंदोलन एवं छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के बैनर तले जल-जंगल-ज़मीन की कॉर्पोरेट लूट, दमन और विस्थापन के खिलाफ जनसंघर्षों के एकदिवसीय राज्य सम्मेलन का उद्घाटन पूर्व सांसद हनन मोल्लाह की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। सम्मेलन में आए वक्ताओं ने देश में जल-जंगल-ज़मीन और जनतंत्र की कॉर्पोरेट लूट के खिलाफ एकजुट होने की अपील की।

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जल, जंगल, जमीन की लूट के खिलाफ रायपुर में कल होगा भूमि अधिकार आंदोलन का सम्मेलन

समन्वित तरीके से चलाने की रणनीति पर विचार-विमर्श करेंगे, ताकि इन मुद्दों पर साझा आंदोलन विकसित किया जा सके और उसे मजबूत बनाया जा सके। सम्मेलन में शामिल होने वाले भूमि अधिकार आन्दोलन से जुड़े राष्ट्रीय नेता भी इसके लिए आवश्यक मार्गदर्शन करेंगे।

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अडानी के पावर प्लांट सहित अन्य परियोजनाओं से पर्यावरण की रक्षा के लिए गोड्डा में सम्मेलन

गोड्डा पावर प्लांट में ऑस्ट्रेलिया से आयात किया हुआ कोयला जलाकर बिजली उत्पादन किया जाएगा जिसका निर्यात बांग्लादेश किया जाएगा। ऑस्ट्रेलिया की कोयला खदान और ऑस्ट्रेलिया व भारत में बंदरगाह जिसके ज़रिये कोयला आयात किया जाना है, तीनों अडानी कंपनी के ही हैं।

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हसदेव और सिलगेर आंदोलन के साथ 5 जून को एकजुटता जताएगी किसान सभा, रायपुर में सम्मेलन की घोषणा

प्रदेश में जल, जंगल, जमीन, खनिज और अन्य प्राकृतिक संसाधनों की लूट के खिलाफ हसदेव और सिलगेर में जारी आंदोलन को केंद्र में रखकर छत्तीसगढ़ किसान सभा ने भी 5 जून को पूरे प्रदेश में आदिवासियों के साथ एकजुटता व्यक्त करने का फैसला किया है।

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बनारस: बदली परिस्थिति में सामाजिक कार्यकर्ताओं की भूमिका पर तीन दिवसीय कार्यक्रम में सघन चर्चा

फादर एक्का ने कहा कि सरकार और आदिवासी समाज में एक-दूसरे को समझने को लेकर हमेशा से मतभेद रहा है। सरकार जिसे आवश्यक समझती है वह इस समाज को गैरजरूरी लगता है। ऐसे में आवश्यकता इस बात की है कि हम इस समाज के विकास के लिए अपना नजरिया बदलें।

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आजादी के बाद नेहरू ने खुश्क जमीन पर आधुनिक भारत के निर्माण की नींव रखी थी: प्रो. दीपक मलिक

इंडियन सोशल इंस्टीट्यूट, सेंटर फार हार्मोनी एंड पीस एवं राइज एंड एक्ट के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में प्रो. दीपक मलिक ने कहा कि साल 1952 में फूलपुर लोकसभा चुनाव के दौरान ही नेहरू ने कहा था कि तानाशाही बहुसंख्यकवाद के जरिये आएगी। आज देश न सिर्फ़ वह दौर देख रहा बल्कि महसूस भी कर रहा है।

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असलम भूरा केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवमानना है ज्ञानवापी का सर्वे आदेश- शाहनवाज़ आलम

उन्होंने ज्ञानवापी का उदाहरण देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कथित सर्वे की रिपोर्ट के लीक होने पर तो नाराज़गी जतायी लेकिन उस कथित सर्वे के आधार पर मीडिया द्वारा प्रसारित किए जा रहे सांप्रदायिक अफवाहों पर कोई रोक नहीं लगाई जिससे उसकी मंशा पर संदेह उठना स्वाभाविक है कि कहीं यह कथित जन भावना के निर्माण की कोशिश तो नहीं है जिसके आधार पर बाद में इसे मंदिर घोषित कर दिया जाएगा।

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उद्योग जगत ने विज्ञान आधारित खाद्य पैकेजिंग पर चेतावनी लेबल का दिया समर्थन

वरिष्ठ सांसदों, उद्योग प्रतिनिधियों और सिविल सोसायटी का यह संवाद ऐसे समय हुआ है जब राष्ट्रीय व अन्तर्राष्टीय स्वास्थ्य और पोषण विशेषज्ञ एफएसएसएआई से ‘हेल्थ स्टार रेटिंग’ की बजाय ‘चेतावनी लेबल’ को एफओपीएल के तौर पर लागू करने की मांग कर रहे हैं, जो कई वैज्ञानिक शोध और अध्य्यन पर आधारित है।

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हसदेव अरण्य बचाने के लिए आज राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन, संघर्ष समिति ने देशवासियों से की अपील

हसदेव अरण्य के समर्थन में 4 मई 2022 को देशव्यापी प्रदर्शनों का आयोजन किया जा रहा है। हम लोग आपके साथ हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति की अपील साझा करते हुए आग्रह करते है कि आपके साथ जितने भी लोग हो सकें- आप पोस्टर या बैनर ले कर अपनी बात रख सकते है- फ़ोटो या वीडियो लेकर आप अपनी जगह से ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हुए इस सांकेतिक विरोध में अपना समर्थन दे सकते है।

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जलवायु परिवर्तन में इंसानी गतिविधियों की बढ़ी हुई भूमिका का नतीजा है इस बार की प्रचंड गर्मी

भारत के उत्तरी इलाकों के कुछ हिस्सों में पारा 46 डिग्री तक पहुंच सकता है। हीटवेव से जुड़ी चेतावनियां जारी की जा रही हैं। जनस्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि साल के शुरुआती महीनों में ही इतनी प्रचंड गर्मी खासतौर पर खतरनाक है।

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