गोहाटी प्रेस क्लब के अध्यक्ष और महासचिव के खिलाफ यूएपीए कानून के तहत एफआइआर दर्ज कराने के लिए एक पत्रकार ने तहरीर दी है। आरोप है कि प्रेस क्लब ने आधिकारिक रूप से उग्रवादी गुट उल्फा-आइ के नेता परेश बरुआ की ऑडियो मीट को अपने परिसर में आयोजित किया था। यह ऑडियो मीट बाद में रद्द कर दी गयी थी।
पत्रकार बिस्वजीत नाथ ने गोहाटी के लतासील थाने में 23 फरवरी को एक लंबी तहरीर देते हुए लिखा है कि क्लब के अध्यक्ष मनोज नाथ और महासचिव संजय रे के ऊपर यूएपीए की धाराओं में एफआइआर की जानी चाहिए क्योंकि इन्होंने एक प्रतिबंधित सशस्त्र संगठन के अलगाववादी नेता को अपने यहां जगह देने की कोशिश की।
हाल ही में उल्फा-आइ क्विप्पो तेल कंपनी के दो कर्मचारियों को अगवा करने के मामले में चर्चित रहा है। एक असम और दूसरे बिहार के कर्मचारी अब तक नहीं छूट पाये हैं। अभी चार दिन पहले ही न्यूज लाइव के प्रबंध संपादक सैयद जरीर हुसैन से बात करते हुए परेश बरुआ ने कहा था कि उनका बातचीत के लिए तैयार है।
इसी मामले में परेश बरुआ का पक्ष रखने के लिए प्रेस क्लब में बुलायी गयी ऑडियो मीट में बरुआ के फोन का इंतजार था, जब पुलिस ने उसमें व्यवधान डालते हुए आखिरी मौके पर कार्यक्रम रद्द करवा दिया। बरुआ की ऑडियो मीट नहीं हो सकी, लेकिन इसका आयोजन करने वाले प्रेस क्लब के पदाधिकारियों की शिकायत हो गयी।
बिस्वजीत नाथ की तहरीर नीचे पूरी पढ़ी जा सकती है: